वायरल फीवर का असर
इन दिनों मौसमी बीमारियों का प्रकोप देखा जा रहा है, जिनमें कई मरीज वायरल फीवर के शिकार हो रहे हैं। इसका असर आंखों पर भी पड़ रहा है। इन मरीजों में आंखों में जलन, खुजली, सूजन, डिस्चार्ज, आंखों का चिपकना, पानी बहना या आंखों में भारीपन जैसी समस्याएं देखने को मिल रही हैं।बच्चों की संख्या भी दोगुनी
आयुर्वेद चिकित्सकों के अनुसार, बच्चों में आंखों से संबंधित समस्याएं बढ़ रही हैं। करीब दो से तीन साल पहले ओपीडी में रोजाना 8 से 10 बच्चे आते थे, अब यह संख्या बढकऱ 20 से 25 तक पहुंच गई है। इनमें ज्यादातर बच्चे कम उम्र में आंखों की रोशनी कम होने या चश्मा लगाने की शिकायत लेकर आते हैं और इन बच्चों में अधिकतर की उम्र 10 वर्ष से कम होती है।जीवन शैली से हो रही परेशानी
आंखों में सूखापन, खुजली, एलर्जी और रोशनी कम होने जैसी समस्याओं के पीछे मोबाइल और लैपटॉप का अत्यधिक स्क्रीन टाइम, प्रदूषण और बिगड़ी हुई जीवनशैली मुख्य कारण हैं। ऐसे में स्क्रीन टाइम को कम करने और जीवनशैली तथा आहार में सुधार की आवश्यकता है। -डॉ. प्रभाकर वर्धन, सह आचार्य, शालाक्य तंत्र विभाग, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान