जयपुर

Eye Care : आंखों की रोशनी बचाने में आयुर्वेद का कमाल, कोविड के बाद उछाल !

Ayurveda Treatment: आयुर्वेद चिकित्सकों के अनुसार, बच्चों में आंखों से संबंधित समस्याएं बढ़ रही हैं। करीब दो से तीन साल पहले ओपीडी में रोजाना 8 से 10 बच्चे आते थे, अब यह संख्या बढकऱ 20 से 25 तक पहुंच गई है।

जयपुरNov 13, 2024 / 10:44 am

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जयपुर. आंखों के इलाज के लिए लोगों में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के प्रति भरोसा बढ़ रहा है। यही कारण है कि जोरावर सिंह गेट स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के आयुर्वेदिक अस्पताल में आंखों के इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में दोगुना तक बढ़ गई है। खास बात यह है कि इन मरीजों में हर उम्र के लोग शामिल हैं। कोविड के बाद से आंखों की मरीजों की संख्या भी बढी है।
दरअसल, आयुर्वेद अस्पताल के शालाक्य तंत्र विभाग के नेत्ररोग ओपीडी में रोजाना 70 से 80 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इन मरीजों में आंखों में संक्रमण, सूखापन, एलर्जी, आंख का लाल होना, धुंधलापन, भारीपन, सूजन व खुजली समेत कई तरह की शिकायतें मिल रही हैं। इसके अलावा, कई लोग आंखों की रोशनी कम होने की शिकायत लेकर भी आते हैं। इन मरीजों का इलाज नेत्र तर्पण, पुतपका, शिरोधारा, पिंडी विदालका, परिषेक समेत कई आयुर्वेदिक विधियों से किया जा रहा है, जो काफी फायदेमंद साबित हो रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि ज्यादातर मरीजों में आंखों संबंधी विकार महज सात दिन से दो-तीन महीने की अवधि में दूर हो जाते हैं, लेकिन कुछ मरीजों में समस्या ज्यादा होने के कारण इलाज में अधिक समय भी लगता है।

वायरल फीवर का असर

इन दिनों मौसमी बीमारियों का प्रकोप देखा जा रहा है, जिनमें कई मरीज वायरल फीवर के शिकार हो रहे हैं। इसका असर आंखों पर भी पड़ रहा है। इन मरीजों में आंखों में जलन, खुजली, सूजन, डिस्चार्ज, आंखों का चिपकना, पानी बहना या आंखों में भारीपन जैसी समस्याएं देखने को मिल रही हैं।

बच्चों की संख्या भी दोगुनी

आयुर्वेद चिकित्सकों के अनुसार, बच्चों में आंखों से संबंधित समस्याएं बढ़ रही हैं। करीब दो से तीन साल पहले ओपीडी में रोजाना 8 से 10 बच्चे आते थे, अब यह संख्या बढकऱ 20 से 25 तक पहुंच गई है। इनमें ज्यादातर बच्चे कम उम्र में आंखों की रोशनी कम होने या चश्मा लगाने की शिकायत लेकर आते हैं और इन बच्चों में अधिकतर की उम्र 10 वर्ष से कम होती है।

जीवन शैली से हो रही परेशानी

आंखों में सूखापन, खुजली, एलर्जी और रोशनी कम होने जैसी समस्याओं के पीछे मोबाइल और लैपटॉप का अत्यधिक स्क्रीन टाइम, प्रदूषण और बिगड़ी हुई जीवनशैली मुख्य कारण हैं। ऐसे में स्क्रीन टाइम को कम करने और जीवनशैली तथा आहार में सुधार की आवश्यकता है।
-डॉ. प्रभाकर वर्धन, सह आचार्य, शालाक्य तंत्र विभाग, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान

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