जयपुर

राजस्थान में पहली बार: मतदान केंद्र के बाहर भी अब रहेगी कैमरे की पैनी नजर, जानिए क्यों ?

election transparency: निर्वाचन विभाग ने मतदान केन्द्र के बाहर भी बेवकास्ट कैमरे लगाने का निर्णय किया है, ताकि मतदान केन्द्र के बाहर की गतिविधियों से भी निर्वाचन विभाग अवगत रहे। ऐसा प्रयोग राजस्थान में पहली बार होने जा रहा है।

जयपुरNov 09, 2024 / 09:43 pm

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जयपुर। चुनाव के दौरान अब तक राजस्थान में मतदान केन्द्र के अंदर ही वेबकास्ट कैमरे से नजर रखी जाती है। ताकि मतदान केन्द्र के अंदर की सभी जानकारी पता रहे। कोई गड़बड़ी की आशंका नहीं रहे। अब निर्वाचन विभाग ने मतदान केन्द्र के बाहर भी बेवकास्ट कैमरे लगाने का निर्णय किया है, ताकि मतदान केन्द्र के बाहर की गतिविधियों से भी निर्वाचन विभाग अवगत रहे। ऐसा प्रयोग राजस्थान में पहली बार होने जा रहा है।
राजस्थान में इस समय 13 नवम्बर को सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे। इसमें यह प्रयोग पहली बार किया जाएगा।

वेबकास्ट प्रक्रिया को होगा विस्तार

राजस्थान निर्वाचन विभाग विधानसभा उपचुनाव-2024 के दौरान 7 विधानसभा क्षेत्रों में निष्पक्ष, निर्भीक एवं पारदर्शी चुनाव के लिए वेबकास्ट प्रक्रिया का अधिक विस्तार करेगा। इस क्रम में मतदान कक्ष से मतदान प्रक्रिया की सीसीटीवी फीड के साथ ही कक्ष के बाहर से भी लाइव कवरेज की मदद से मतदाताओं की कतार और कानून व्यवस्था का प्रबंधन किया जाएगा।

आवश्यक होने पर तुरंत करेंगे कार्रवाई

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि राजस्थान निर्वाचन विभाग ने मतदान दिवस के दिन पोलिंग स्टेशन से वेबकास्टिंग कवरेज के विस्तार की योजना तैयार कर ली है। इसमें मतदान कक्ष में हो रही मतदान प्रक्रिया के साथ-साथ कक्ष के बाहर से भी लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी. वेबकास्ट कवरेज के विस्तार से भारत निर्वाचन आयोग, निर्वाचन विभाग और जिला निर्वाचन अधिकारी सहित अन्य प्राधिकारी मतदान प्रक्रिया के सुचारू संचालन पर बारीक नजर रख सकेंगे तथा आवश्यकता होने पर सुधारात्मक कार्यवाही के लिए समुचित निर्देश दे सकेंगे।

सीसीटीवी कैमरों से होगा फायदा

1-टीवी स्क्रीन पर लाइव वीडियो कवरेज में मतदान कक्ष के बाहर मतदाताओं की कतारों पर नजर रखी जाएगी।


2-लाइव स्ट्रीमिंग की निगरानी एक विशेष दल द्वारा की जाएगी, जिसमें पुलिस, निर्वाचन विभाग की स्वीप गतिविधि से जुड़े एवं आईटी विभाग के अधिकारीगण होंगे।

3-मतदाताओं की कम संख्या वाले मतदान केन्द्रों की पहचान कर स्थानीय स्वीप टीम को सूचना भेजी जाएगी, जिससे हेला टोली के माध्यम से मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित किया जा सकेगा।


4-कतार लम्बी होने, धीमी गति से मतदान होने, मतदान केन्द्र पर अधिक भीड़ जमा होने या कानून-व्यवस्था बिगडऩे की आशंका पर बेहतर निगरानी कर उसका प्रबंधन भी अविलंब किया जा सकेगा।

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