जयपुर

RK लक्ष्मण के कार्टून्स की हांगकांग में प्रदर्शनी : ’60 साल पहले जिन मुद्दों पर कार्टून बनाए, वे आज भी प्रासंगिक’

प्रसिद्द कार्टूनिस्ट दिवंगत आर.के. लक्ष्मण के चयनित कार्टून्स की प्रदर्शनी का हांगकांग में भारत की काउंसलेट जनरल सतवंत खनालिया ने उद्घाटन किया।

जयपुरSep 20, 2024 / 07:32 pm

Kamlesh Sharma

हांगकांग में प्रदर्शनी के दौरान भारत की काउंसलेट जनरल सतवंत खनालिया के साथ धर्मेंद्र भंडारी (बाएं) और देवेन्द्र सुराणा।

हांगकांग/जयपुर। प्रसिद्द कार्टूनिस्ट दिवंगत आर.के. लक्ष्मण के चयनित कार्टून्स की प्रदर्शनी का हांगकांग में भारत की काउंसलेट जनरल सतवंत खनालिया ने उद्घाटन किया। वहां के विजुअल आर्ट सेंटर में 23 सितंबर तक आयोजित हो रही प्रदर्शनी को देखने बड़ी संख्या में भारतीयों के साथ हांगकांग के कला प्रेमी और युवा आ रहे हैं।
काउंसलेट जनरल सतवंत खनालिया ने कहा कि वे बचपन से लक्ष्मण के व्यंग्य और कार्टून कला की प्रशंसक हैं। वे विजनरी थे और साठ व सत्तर वर्ष पहले उन्होंने अपने कार्टून्स में जो चित्रित किया है वे मुद्दे आज भी प्रासंगिक हैं। प्रदर्शनी के लिए जयपुर निवासी डॉ. धर्मेंद्र भंडारी के प्रयासों की सराहना करते हुए खनालिया ने कहा कि इस तरह के आयोजन दुनियाभर में किए जाने चाहिए।
हांगकांग में प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में भारत की काउंसलेट जनरल सतवंत खनालिया के साथ विजिटर्स।
प्रदर्शनी के क्यूरेटर और ‘आर.के. लक्ष्मण- दी अनकॉमन मैन’ पुस्तक के लेखक भंडारी ने कहा कि लक्ष्मण के कार्टून्स की खूबसूरती यह थी कि वे नेताओं पर व्यंग्य कसते थे, लेकिन जिन नेताओं पर कार्टून बनाते थे, वे भी अपने को प्रिविलेज्ड महसूस किया करते थे कि लक्ष्मण ने उन्हें किरदार के रूप में चित्रित किया। उनके कार्टून्स बुद्दिजीवियों से लेकर आम आदमी तक को कनेक्ट करते थे।
Exhibition in Hong Kong
प्रदर्शनी में शोकेस किए गए लक्ष्मण के कार्टून्स व आर्टवर्क।
लक्ष्मण के कार्टून्स में अमरीका और ब्रिटेन की नीतियों को लेकर भी कटाक्ष होता था, लेकिन इन देशों के उच्चायुक्त और राजदूत अपने शासनाध्यक्षों को भेंट करने के लिए उनके कार्टून्स की मांग करते थे। इस दौरान लक्ष्मण की जीवनी ‘ आरके लक्ष्मण: बैक विद् ए पंच’ पर ऑनलाइन चर्चा भी हुई। इस चर्चा में मशहूर कार्टूनिस्ट ई.पी. उन्नी भी शामिल हुए।

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