दो साल से कोरोना की मार झेल रहे हैं लोग— कोरोना के चलते राज्य सरकार ने शादी समारोह में लोगों की संख्या कम कर दी थी। ऐसे में इससे जुड़े लोगों को आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ रहा है और वे परेशानी का सामना कर रहे है। ऐसे में ये मांग जोर पकड़ती जा रही हैं कि सरकार इन्हें छूट देकर राहत दें। अब तो पीसीसी के अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने भी इसकी पैरवी कर डाली है।
जन्म दिन और चुनाव का उदाहरण—
वीडियो में डोटासरा चुनावों और जन्मदिन पर भीड़ का उदाहरण देते हुए शादियों में लोगों के इकट्ठा होने की लिमिट हटाने की पैरवी करते दिख रहे हैं। यह वीडियो दो दिन पहले गोविंद सिंह डोटासरा के जयपुर में सिविल लाइंस बंगले का बताया जा रहा है। डोटासरा एक अफसर से फोन पर शादी समाराहों में 50 से ज्यादा लोगों की लिमिट को बढ़ाने की पैरवी कर रहे हैं।डोटासरा कह रहे हैं कि लोग बाहर से भी शादियां करने आते हैं। आज जब छूट होगी, तभी वेे बुकिंग कराएंगे। अब तो डेढ़-दो साल हो गए। पांच पांच हजार लोग इकठ्ठा हो रहे हैं। इनको भी छूट देनी चाहिए।
वीडियो में डोटासरा चुनावों और जन्मदिन पर भीड़ का उदाहरण देते हुए शादियों में लोगों के इकट्ठा होने की लिमिट हटाने की पैरवी करते दिख रहे हैं। यह वीडियो दो दिन पहले गोविंद सिंह डोटासरा के जयपुर में सिविल लाइंस बंगले का बताया जा रहा है। डोटासरा एक अफसर से फोन पर शादी समाराहों में 50 से ज्यादा लोगों की लिमिट को बढ़ाने की पैरवी कर रहे हैं।डोटासरा कह रहे हैं कि लोग बाहर से भी शादियां करने आते हैं। आज जब छूट होगी, तभी वेे बुकिंग कराएंगे। अब तो डेढ़-दो साल हो गए। पांच पांच हजार लोग इकठ्ठा हो रहे हैं। इनको भी छूट देनी चाहिए।
गहलोत से मांग
पीसीसी सचिव जसवंत गुर्जर ने भी मुख्यमंत्री गहलोत से मांग की कि जल्दी ही वैवाहिक कार्यक्रर्मो पर लगी रोक को भी हटाया जाए क्योंकि अभी सरकार के संगठन या नेताओ के निजी कार्यक्रम हो रहे है, चुनाव भी हो रहे है तो हमें उस वर्ग का भी सोचना चाहिए जो वैवाहिक आयोजनों से जुड़े हुए है। साथ ही सरकार एक साथ छूट देंगी तो हर व्यवस्था महंगी होंगी। अतः सामाजिक सोच के हित के मध्यनजर हमे इनके लिए भी विचार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से कई वर्ग के लोग जुड़े होते है जो अभी बेरोजगारी के हालत में है। ऐसे में कोरोना के मध्यनजर इस वर्ग के लिए भी कुछ मापदंड तय कर इनके लिए सरकार अलग आदेश जारी करे ताकि केटरिंग, बेंड वादन, हलवाई, गार्डन, आदि से जुड़े व्यापारियों व उनके कामगारों को रोजगार मिल सके।
पीसीसी सचिव जसवंत गुर्जर ने भी मुख्यमंत्री गहलोत से मांग की कि जल्दी ही वैवाहिक कार्यक्रर्मो पर लगी रोक को भी हटाया जाए क्योंकि अभी सरकार के संगठन या नेताओ के निजी कार्यक्रम हो रहे है, चुनाव भी हो रहे है तो हमें उस वर्ग का भी सोचना चाहिए जो वैवाहिक आयोजनों से जुड़े हुए है। साथ ही सरकार एक साथ छूट देंगी तो हर व्यवस्था महंगी होंगी। अतः सामाजिक सोच के हित के मध्यनजर हमे इनके लिए भी विचार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से कई वर्ग के लोग जुड़े होते है जो अभी बेरोजगारी के हालत में है। ऐसे में कोरोना के मध्यनजर इस वर्ग के लिए भी कुछ मापदंड तय कर इनके लिए सरकार अलग आदेश जारी करे ताकि केटरिंग, बेंड वादन, हलवाई, गार्डन, आदि से जुड़े व्यापारियों व उनके कामगारों को रोजगार मिल सके।