पत्रिकाः किन मुख्य मुद्दों पर सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की योजना बना रहे हैं?
जूली: लगातार बिगड़ रही कानून व्यवस्था, युवाओं के लिए रोजगार, महंगाई को काबू करना एवं राज्य के संसाधनों का इस्तेमाल निजी लोगों या किसी दूसरे राज्य के हितों में होने से रोकना सबसे जरूरी है।
जूली: लगातार बिगड़ रही कानून व्यवस्था, युवाओं के लिए रोजगार, महंगाई को काबू करना एवं राज्य के संसाधनों का इस्तेमाल निजी लोगों या किसी दूसरे राज्य के हितों में होने से रोकना सबसे जरूरी है।
पत्रिकाः एक साल के कार्यकाल में सरकार की सबसे बड़ी सफलता और विफलता क्या रही ?
जूलीः इस सरकार की सबसे बड़ी सफलता यही है कि मुख्यमंत्री जी एक साल पूरा करने में कामयाब रहे और विफलताओं की तो पूरी सूची है। पर मेरा मानना है कि हमें सबसे पहले युवाओं के रोजगार के मौकों को बढ़ाना होगा, परन्तु यह सरकार रोजगार देने में एकदम विफल रही है।
जूलीः इस सरकार की सबसे बड़ी सफलता यही है कि मुख्यमंत्री जी एक साल पूरा करने में कामयाब रहे और विफलताओं की तो पूरी सूची है। पर मेरा मानना है कि हमें सबसे पहले युवाओं के रोजगार के मौकों को बढ़ाना होगा, परन्तु यह सरकार रोजगार देने में एकदम विफल रही है।
पत्रिकाः उपचुनाव में कहां कमी रही?
जूलीः उपचुनाव में पार्टी ने मेहनत की पर अपेक्षित सफलता नहीं मिली। हमारी सरकार के दौरान हुए 8 उपचुनावों में भाजपा भी एक सीट ही जीत पाई थी। हमने सैकंड लाइन लीडरशिप विकसित करने का प्रयास जो अभी सफल नहीं हो पाया। हम अपनी खामियों को स्वीकार कर उनमें सुधार करेंगे और आने वाले दिनों बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
जूलीः उपचुनाव में पार्टी ने मेहनत की पर अपेक्षित सफलता नहीं मिली। हमारी सरकार के दौरान हुए 8 उपचुनावों में भाजपा भी एक सीट ही जीत पाई थी। हमने सैकंड लाइन लीडरशिप विकसित करने का प्रयास जो अभी सफल नहीं हो पाया। हम अपनी खामियों को स्वीकार कर उनमें सुधार करेंगे और आने वाले दिनों बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
पत्रिकाः समिट पर आप सवाल उठा रहे हैं। भाजपा सरकार ने पहले साल में ही कर दी, आप तो चौथे साल में कर पाए थे?
जूलीः राइजिंग राजस्थान को लेकर जो प्रतिक्रिया आई है वो अच्छी नहीं है। हमारी सरकार ने चौथे साल में इन्वेस्टमेंट समिट की, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि तीन साल कोविड महामारी से जूझना पड़ा। हमारी सरकार में जो एमओयू हुए उसमें 45 फीसदी से अधिक जमीन पर उतरने शुरू हो गए थे। अब राइजिंग राजस्थान में 35 लाख करोड़ रुपए के एमओयू होना बताया गया, जबकि राजस्थान की कुल जीडीपी ही अभी 17 लाख करोड़ रुपए की है। इस पर एक शेर ही जवाब है, तुहारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है।
जूलीः राइजिंग राजस्थान को लेकर जो प्रतिक्रिया आई है वो अच्छी नहीं है। हमारी सरकार ने चौथे साल में इन्वेस्टमेंट समिट की, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि तीन साल कोविड महामारी से जूझना पड़ा। हमारी सरकार में जो एमओयू हुए उसमें 45 फीसदी से अधिक जमीन पर उतरने शुरू हो गए थे। अब राइजिंग राजस्थान में 35 लाख करोड़ रुपए के एमओयू होना बताया गया, जबकि राजस्थान की कुल जीडीपी ही अभी 17 लाख करोड़ रुपए की है। इस पर एक शेर ही जवाब है, तुहारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है।
यह भी पढ़ें
सीएम भजनलाल ने बताया- एक साल में क्या किया? बोले-विपक्ष को भी करनी चाहिए सरकार की तारीफ
पत्रिकाः सरकार कौन से वादों को पूरा करने में विफल रही है?जूलीः किसान इंतजार कर रहे हैं कि 12 हजार किसान समान निधि कब से मिलेगी और गेहूं को 2700 रुपए क्विंटल कीमत व बाजरे को एएसपी पर कब से खरीदा जाएगा। 450 रुपए में सिलेंडर का वादा किया पर किसी महीने सब्सिडी आती है तो कभी नहीं। सामाजिक सुरक्षा पेंशन नहीं मिल रही। मोदीजी गारंटी देकर गए कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें गुजरात और हरियाणा के बराबर होंगी पर अभी भी 10 रुपए लीटर का अंतर है।
पत्रिकाः सरकार के एक साल के कार्यकाल को कैसे देखते हैं?
जूलीः राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के अच्छे कामों को बन्द कर प्रदेश के विकास को दिशाहीन कर दिया है। निशुल्क योजनाओं पर ब्रेक लगा दिया है, अस्पतालों में दवाई नहीं, स्कूलों में पढ़ाई नहीं, बेरोजगारों के लिए एक नई नौकरी नहीं है। भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है, बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यागों को पेंशन और किसानों को डीएपी नहीं मिल रहा। एक साल पहले राजस्थान के हेल्थ, सोशल सिक्योरिटी, एजुकेशन मॉडल और विजन 2030 की देशभर में चर्चा हो रही थी। वहीं, इस सरकार में पहली वर्षगांठ के मौके पर अस्पताल में बच्चे को चूहों के कुतरने से मौत की खबरें आ रही हैं। यह सरकार केवल सूट-बूट-लूट और झूठ की सरकार बनकर रह गई है।
जूलीः राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के अच्छे कामों को बन्द कर प्रदेश के विकास को दिशाहीन कर दिया है। निशुल्क योजनाओं पर ब्रेक लगा दिया है, अस्पतालों में दवाई नहीं, स्कूलों में पढ़ाई नहीं, बेरोजगारों के लिए एक नई नौकरी नहीं है। भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है, बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यागों को पेंशन और किसानों को डीएपी नहीं मिल रहा। एक साल पहले राजस्थान के हेल्थ, सोशल सिक्योरिटी, एजुकेशन मॉडल और विजन 2030 की देशभर में चर्चा हो रही थी। वहीं, इस सरकार में पहली वर्षगांठ के मौके पर अस्पताल में बच्चे को चूहों के कुतरने से मौत की खबरें आ रही हैं। यह सरकार केवल सूट-बूट-लूट और झूठ की सरकार बनकर रह गई है।
पत्रिकाः राज्य की अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी के मामले में सरकार की नीतियों को आप किस तरह से आंकते हैं?
जूलीः कोविड के बावजूद हमारी सामाजिक सुरक्षा योजनाएं लगातार आगे बढ़ीं और अर्थव्यवस्था को मजबूत किया। यही कारण था कि हमारे राज में राजस्थान 11.02 फीसदी की आर्थिक विकास दर से देश में दूसरे स्थान पर पहुंच गया था। लगभग 3 लाख नौकरियां दी।
जूलीः कोविड के बावजूद हमारी सामाजिक सुरक्षा योजनाएं लगातार आगे बढ़ीं और अर्थव्यवस्था को मजबूत किया। यही कारण था कि हमारे राज में राजस्थान 11.02 फीसदी की आर्थिक विकास दर से देश में दूसरे स्थान पर पहुंच गया था। लगभग 3 लाख नौकरियां दी।