मानव-वन्यजीव संघर्ष में वृद्धि
उल्लेखनीय है कि बघेरों की बढ़ती संख्या के कारण मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में दिनोंदिन वृद्धि हो रही है। उदयपुर जिले में हाल ही में बघेरों के हमलों में आठ लोगों की जान जा चुकी है, जिससे इलाके में दहशत का माहौल है। वन विभाग इस समस्या से निपटने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। वन मंत्री ने स्पष्ट किया है कि बघेरों की सटीक संख्या का आकलन करना अत्यंत आवश्यक है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
कैमरा ट्रैप पद्धति का महत्व
वन मंत्री शर्मा ने बताया कि कैमरा ट्रैप पद्धति के माध्यम से बघेरों की गिनती करना अधिक प्रभावी और सटीक होगा। इस पद्धति में संरक्षित क्षेत्रों में कैमरे लगाए जाएंगे, जो बघेरों की गतिविधियों को रिकॉर्ड करेंगे। इस तकनीक से न केवल उनकी संख्या का आकलन होगा, बल्कि उनके व्यवहार और उनके द्वारा उपयोग किए जाने वाले क्षेत्रों की जानकारी भी मिलेगी। यह जानकारी वन विभाग को उनकी गतिविधियों की निगरानी करने और मानव बस्तियों से उनकी दूरी बनाए रखने में मदद करेगी।
वन्यजीव प्रभागों को निर्देश
मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक पवन कुमार उपाध्याय को इस कार्य को प्राथमिकता से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने सभी वन्यजीव प्रभागों में पदस्थापित अधिकारियों और कर्मचारियों को इस गिनती के कार्य में सक्रिय रूप से शामिल होने का आदेश दिया है। इस गिनती के दौरान विशेषज्ञों और विशेषज्ञ संस्थानों की सलाह और सहयोग लिया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि गिनती का कार्य बिना किसी बाधा के सफलतापूर्वक पूरा हो।
विशेषज्ञों का सहयोग
वन मंत्री ने यह भी कहा कि इस कार्य में विशेषज्ञों और विशेषज्ञ संस्थानों की मदद ली जाएगी। विशेषज्ञों की मदद से न केवल गिनती का कार्य सुचारू रूप से किया जा सकेगा, बल्कि इससे बघेरों की गतिविधियों को समझने में भी सहायता मिलेगी।
जनता में जागरूकता
वन विभाग ने इस मौके पर जनता से भी अपील की है कि वे वन्यजीवों से दूरी बनाए रखें और उनकी गतिविधियों की जानकारी तुरंत वन विभाग को दें। इसके अलावा, बघेरों के संरक्षण और उनके प्राकृतिक आवासों की सुरक्षा के लिए जनता को भी जागरूक किया जाएगा।