बच्चों, बुजुर्गों समेत तीस लोगों की मौत हो चुकी है कुछ दिनों में ही राजस्थान में…
राजस्थान में मई के महीने में 12 तारीख से लेकर 28 तारीख तक आए अलग अलग साइक्लोन जानलेवा साबित हो चुके हैं। आंधी, बारिश और बिजली गिरने के कारण भारी नुकसान हो चुका है। सबसे ज्यादा मौतें टोंक जिले में हुई हैं। टोंक जिले में सिर्फ तीन घंटों में बारिश और अंधड़ के कारण 12 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें चार लोग तो एक ही परिवार के हैं। इसके अलावा धौलपुर जिले में बारिश के दौरान मकान गिरने से मां और दो बच्चों की जान जा चुकी है। वहीं दौसा जिले में बारिश के दौरान छुपने के लिए पेड़ के नीचे और झोपड़ी में बैठे चार लोगों की बिजली गिरने से मौत हो चुकी है।
राजस्थान में मई के महीने में 12 तारीख से लेकर 28 तारीख तक आए अलग अलग साइक्लोन जानलेवा साबित हो चुके हैं। आंधी, बारिश और बिजली गिरने के कारण भारी नुकसान हो चुका है। सबसे ज्यादा मौतें टोंक जिले में हुई हैं। टोंक जिले में सिर्फ तीन घंटों में बारिश और अंधड़ के कारण 12 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें चार लोग तो एक ही परिवार के हैं। इसके अलावा धौलपुर जिले में बारिश के दौरान मकान गिरने से मां और दो बच्चों की जान जा चुकी है। वहीं दौसा जिले में बारिश के दौरान छुपने के लिए पेड़ के नीचे और झोपड़ी में बैठे चार लोगों की बिजली गिरने से मौत हो चुकी है।
धौलपुर में ही बारिश के दौरान घर जा रहे दो दोस्तों की बिजली गिरने से मौत हो गईं । टोंक, भरतपुर, बाडमेर, जोधपुर में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। करीब तीन सौ से भी ज्यादा पशुओं की जान जा चुकी है तूफान के कारण सिर्फ तीन सप्ताह में। इन के अलावा तीन हजार से भी ज्यादा बिजली के पोल टूट गए। इन्हें सही करने में बिजली विभाग को बारह दिन का समय लग गया। अब बिपरजॉय के कारण राजस्थान सरकार फिर से टेंशन में है।