पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के अधिकारियों ने ईसरदा बांध के पानी से रामगढ़ बांध भरने के लिए डीपीआर तैयार की। डीपीआर बनाने के दौरान जब कानोता बांध का दौरा किया तो सामने आया कि बांध में आस-पास से गंदे पानी की आवक होती है। ऐसे में ईसरदा बांध से लाया जाने वाला साफ पानी भी गंदा होगा। यह तथ्य सामने आने के बाद डीपीआर में संशोधन किया।
जलाशय से कानोता बांध के लिए देंगे लिंक
रघुनाथपुरा में 18 एकड़ जमीन पर 1 मिलियन क्यूबिक मीटर क्षमता का जलाशय बनाया जाएगा। इस जलाशय से एक लिंक कानोता बांध के लिए भी दिया जाएगा। जब कानोता बांध में साफ पानी की आवक होने लगेगी तब इस लिंक से ईसरदा बांध का पानी कानोता बांध में डाला जाएगा। जलाशय से पानी रामगढ़ बांध तक पहुंचाने के लिए पंपिंग स्टेशन बनेगा।
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2600 एमएम की पाइप लाइन से आएगा पानी
ईसरदा से रामगढ़ बांध तक पानी लाने के लिए 2600 एमएम की पाइप लाइन बिछेगी। रामगढ़ में लाए गए पानी से कालख सागर और दूदू के छापरवाड़ा बांध को भी भरा जाएगा। जिले के तीन बांध भरने के बाद खेती और सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा वहीं दौसा तक जमीन के जल स्तर में भी बढ़ोतरी होगी।
दिल्ली से मंजूरी का इंतजार
ईसरदा बांध के पानी से रामगढ़ बांध को भरने की डीपीआर मंजूरी के लिए केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय में भेजी जा चुकी है। उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव आचार संहिता के बाद डीपीआर को मंजूरी मिल जाएगी और फिर रामगढ़ बांध को भरने पर काम शुरू होगा।