शर्मा ने कहा कि एकीकृत ईआरसीपी परियोजना के मूर्त रूप लेने से पूर्वी राजस्थान की दशकों पुरानी मांग पूरी होने जा रही है।परियोजना के दो मुख्य घटकों नवनेरा बांध एवं ईसरदा बांध को जोड़ने से चम्बल और यमुना नदियों का व्यर्थ बह जाने वाला पानी सिंचाई एवं पेयजल आवश्यकताओं के लिए उपयोग में आ सकेगा। परियोजना के इस चरण में कालीसिंध नदी पर बने नवनेरा बांध का अतिरिक्त जल बनास नदी में छोड़कर ईसरदा बांध तक लाया जाएगा। सीएम शर्मा ने भूमि अवाप्ति के लिए कार्यालय खोलने, अधिकारियों की नियुक्ति करने व इस प्रक्रिया को शुरू करने के संबंध में निर्देश प्रदान किए। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, ऊर्जा मंत्री श्री हीरालाल नागर, अतिरिक्त मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय शिखर अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन विभाग श्री अभय कुमार सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।
वनेरा बैराज और ईसरदा बांध के निर्माण कार्यों का निरीक्षण
मुख्यमंत्री ने परियोजना के दो निर्माणाधीन मुख्य घटकों नवनेरा बैराज एवं ईसरदा बांध के निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण किया व कार्यस्थल पर आमजन से संवाद किया। उन्होंने अधिकारियों को परियोजनाओं की गुणवत्ता के सभी मापदण्ड पूरे करते हुए समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करने एवं परियोजना को अधिक से अधिक जनोपयोगी बनाने के निर्देश प्रदान किए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार एवं राजस्थान सरकार एकीकृत ईआरसीपी के शीघ्र क्रियान्वयन के लिए कृत-संकल्पित है। परियोजना को आगामी 5 वर्षों में पूरा करने के प्रयास किए जाएंगे।
नवनेरा बांध की प्रोजेक्ट रिपोर्ट का किया अवलोकन
मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन नवनेरा बांध पर पहुंचकर इसकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट का अवलोकन किया। उन्होंने परियोजना की कार्ययोजना, नक्शा व अब तक हुए कार्यों की जानकारी ली तथा निर्माणाधीन बांध के अप-स्ट्रीम व डाउन-स्ट्रीम के विभिन्न हिस्सों का अवलोकन किया। इस दौरान अधिकारियों ने जानकारी दी कि नवनेरा बांध का लगभग 85 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है।
योजना होगी वरदान साबित
हाल ही में केन्द्र, राजस्थान व मध्यप्रदेश सरकार द्वारा एकीकृत ईआरसीपी परियोजना के लिए त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह परियोजना धरातल पर उतरने के बाद पूर्वी राजस्थान के लिए वरदान सिद्ध होगी। इससे क्षेत्र में पेयजल सुविधा सुलभ होने के साथ ही 2.80 लाख हैक्टेयर क्षेत्र को सिंचित किया जा सकेगा। इसके अंतर्गत रामगढ़ बैराजए महलपुर बैराजए नवनैरा बैराजए मेज बैराज, राठौड़ बैराज, डूंगरी बांध, रामगढ़ बैराज से डूंगरी बांध तक फीडर तंत्र, ईसरदा बांध का क्षमता वर्धन एवं पूर्वनिर्मित 26 बांधों का पुनरूद्धार प्रस्तावित है। परियोजना की संयुक्त डीपीआर राष्ट्रीय जल विकास निगम द्वारा तैयार की जा रही है।