खास यह है कि इससे उत्पादित बिजली प्रदेश के लिए काम आएगी। दूसरे राज्य में सप्लाई नहीं की जाएगी। इससे हर दिन करीब 22 करोड़ यूनिट बिजली मिलने की उम्मीद है। गौरतलब है कि अभी बिजली की उपलब्धता डिमांड से कम है, इसलिए कटौती करनी पड़ रही है।
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हमारी सस्ती बिजली जा रही दूसरे राज्यों मेंराजस्थान सोलर एनर्जी में सिरमौर है, लेकिन हकीकत यह है कि इस सस्ती बिजली का फायदा प्रदेशवासियों को नहीं मिल रहा। यहां 18500 मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट हैं, लेकिन हमें केवल 5500 मेगावाट सस्ती बिजली ही मिल रही है। यानी 71 प्रतिशत सस्ती बिजली दूसरे राज्यों में सप्लाई की जा रही है। प्रदेश में सोलर पार्क विकसित करने वाली कंपनियों के फायदे के लिए बनाई गई अनुबंध शर्तों के कारण ऐसा हो रहा है।
यह हमारी ताकत
देश में सबसे ज्यादा रेडिएशन (सौर ऊर्जा) राजस्थान में है। यहां प्रति वर्गमीटर एरिया से हर साल 5.72 यूनिट सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है। जबकि, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक सहित अन्य राज्य हमसे काफी पीछे हैं।
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