विभाग ने हाथी मालिकों की मांग पर सवारी का शुल्क बढ़ाया है। पर्यटकों को अब हाथी सवारी के एक फेरे के 2,500 रुपए देने होंगे। इसमें यात्रा अभिकर्ता, हाथी प्रवेश शुल्क, हाथी स्थल सफाई शुल्क व हाथी कल्याण कोष के 400 रुपए काटकर हाथी मालिक को 2,100 रुपए मिलेंगे।
अन्य जगह हाथी सवारी करवाई तो बैन
पुरातत्व विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, आमेर महल में हाथी स्टैंड से जलेब चौक और हाथी गांव के अलावा अन्य जगह सवारी करवाई तो हाथी मालिक को इन जगहों पर हाथी सवारी के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।एक अक्टूबर से लागू होंगी नई दरें
जयपुर के आमेर महल में हाथी सवारी का शुल्क एक अक्टूबर से 2,500 रुपए कर दिया है। 5 साल बाद इन दरों की समीक्षा की जाएगी। 5 साल तक ये दरें प्रभावी रहेगी।-डॉ. पंकज धरेंद्र, निदेशक, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग