नगरीय उपकर : शहरी उपभोक्ता से 15 पैसे प्रति यूनिट। सालाना करीब 232 करोड़ रुपए वसूली।
विद्युत शुल्क: घरेलू, कॉमर्शियल, औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं से 40 पैसे प्रति यूनिट। कृषि उपभोक्ता से 4 पैसे प्रति यूनिट। सालाना करीब 1886 करोड़ रुपए जमा।
जल संरक्षण उपकर : 10 पैसे प्रति यूनिट। कॉमर्शियल व औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं से सालाना करीब 311 करोड़ रुपए जमा जा रहे हैं।
स्थिति साफ हो तो बने बात…..
– 50 पैसे यूनिट उपकर मौजूदा जल संरक्षण व नगरीय उपकर के अतिरिक्त लगाया जाएगा या इन्हें समाहित किया जाएगा।
-अभी नगरीय उपकर केवल शहरी उपभोक्ताओं से ले रहे हैं। क्या अबबाकी उपभोक्ता भी शामिल होंगे।
फ्यूल सरचार्ज रहेगा अलग
सरकार ने विद्युत शुल्क व सेस के संबंध में कानून बना दिया, लेकिन फ्यूल सरचार्ज विधेयक के दायरे में नहीं।