हालांकि, 15 फीसदी की फ्यूल सरचार्ज की लिमिट में ही यह वसूली करनी होगी। यानि जिस तिमाही में फ्यूल सरचार्ज 50 पैसे से अधिक होगा, तो उसमें अडानी पॉवर प्रकरण से जुड़ी राशि वसूली नहीं होगी। फिर अन्य माह में यह राशि लेंगे। जयपुर, जोधपुर व अजमेर तीनों ही डिस्कॉम इस वसूली को लेकर आरईआरसी पहुंचे थे। उधर, टैरिफ के जरिए राशि बढ़ाने के बजाए फ्यूल सरचार्ज के रूप में आर्थिक बोझ बढ़ाने के इस कदम से कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। इससे पहले जयपुर डिस्कॉम ( Jaipur Discom ) फ्यूल सरचार्ज के नाम पर ही 55 पैसे प्रति यूनिट (जनवरी से मार्च तक) की वसूली के आदेश दे ही चुका है।
इस तरह दिया हवाला
– इस राशि को वसूलने के लिए अप्रेल से जून, 2018 (एक क्वाटर) के उपभोग हुई विद्युत खपत का हवाला दिया गया, जो 14930 मिलियन यूनिट है। – इस आधार पर 1.81 रुपए प्रति यूनिट गणना का हवाला दिया।
– इस राशि को वसूलने के लिए अप्रेल से जून, 2018 (एक क्वाटर) के उपभोग हुई विद्युत खपत का हवाला दिया गया, जो 14930 मिलियन यूनिट है। – इस आधार पर 1.81 रुपए प्रति यूनिट गणना का हवाला दिया।
– यदि इस आधार पर गणना की जाए तो 70 करोड़ रुपए प्रति माह की वसूली होगी, जो 36 माह में करीब 2700 करोड़ रुपए होता है। इस तरह समझें पिछले वर्ष अप्रेल, मई व जून माह में बिजली उपभोग 1500 यूनिट है तो 75 रुपए प्रति माह (1500 गुणा 0.05 पैसा) फ्यूल सरचार्ज के रूप में अलग से वसूलेंगे। यही राशि हर बिल में 36 माह तक जुड़कर आएगी।
5-6 साल पुराना है मामला
अडानी पॉवर राजस्थान लि. ने डिस्कॉम से कोयले की दर में अंतर आने के 2288.40 करोड़ रुपए मांगे, लेकिन डिस्कॉम इस राशि पर रजामंद नहीं हुआ। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां अडानी पॉवर के पक्ष में फैसला हुआ। इसमें मूल राशि के साथ 420.96 करोड़ रुपए ब्याज का भी जोड़ा गया, जो 2709.36 करोड़ रुपए हुआ। इस मोटी रकम को जनता से वसूलने के लिए डिस्कॉम विनियाम आयोग के पास पहुंचा। भुगतान राशि का विवाद 5 से 6 साल पुराना है।
अडानी पॉवर राजस्थान लि. ने डिस्कॉम से कोयले की दर में अंतर आने के 2288.40 करोड़ रुपए मांगे, लेकिन डिस्कॉम इस राशि पर रजामंद नहीं हुआ। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां अडानी पॉवर के पक्ष में फैसला हुआ। इसमें मूल राशि के साथ 420.96 करोड़ रुपए ब्याज का भी जोड़ा गया, जो 2709.36 करोड़ रुपए हुआ। इस मोटी रकम को जनता से वसूलने के लिए डिस्कॉम विनियाम आयोग के पास पहुंचा। भुगतान राशि का विवाद 5 से 6 साल पुराना है।
फैक्ट फाइल —1.20 करोड़ बिजली उपभोक्ता राज्य में
—5 हजार करोड़ यूनिट औसतन बिजली खपत है सालाना —43.91 लाख उपभोक्ता हैं जयपुर डिस्कॉम में
—41.72 लाख उपभोक्ता हैं अजमेर डिस्कॉम में —36.97 लाख उपभोक्ता हैं जोधपुर डिस्कॉम में
—5 हजार करोड़ यूनिट औसतन बिजली खपत है सालाना —43.91 लाख उपभोक्ता हैं जयपुर डिस्कॉम में
—41.72 लाख उपभोक्ता हैं अजमेर डिस्कॉम में —36.97 लाख उपभोक्ता हैं जोधपुर डिस्कॉम में
जनता की आपत्ति से निकाला तरीका…!
सुप्रीम कोर्ट ने डिस्कॉम को राशि देने के आदेश दिए थे, लेकिन यह राशि जनता से फ्यूल सरचार्ज के रूप में वसूली जाए यह नहीं कहा गया। विषय विशेषज्ञों के मुताबिक यह राशि टैरिफ में शामिल करते तो उससे पहले सुनवाई करनी होती है, जिसमें आमजन शामिल होते। इसमें सुप्रीम कोर्ट में डिस्कॉम स्तर पर की गई प्रक्रिया के बारे में भी पूछा जाता। डिस्कॉम ने इससे बचने के लिए फ्यूल सरचार्ज का रास्ता अपनाकर आपत्तियों से बचाव कर लिया।
सुप्रीम कोर्ट ने डिस्कॉम को राशि देने के आदेश दिए थे, लेकिन यह राशि जनता से फ्यूल सरचार्ज के रूप में वसूली जाए यह नहीं कहा गया। विषय विशेषज्ञों के मुताबिक यह राशि टैरिफ में शामिल करते तो उससे पहले सुनवाई करनी होती है, जिसमें आमजन शामिल होते। इसमें सुप्रीम कोर्ट में डिस्कॉम स्तर पर की गई प्रक्रिया के बारे में भी पूछा जाता। डिस्कॉम ने इससे बचने के लिए फ्यूल सरचार्ज का रास्ता अपनाकर आपत्तियों से बचाव कर लिया।
55 पैसे प्रति यूनिट का भार पहले ही जयपुर समेत 12 जिलों के लाखों बिजली उपभोक्ताओं को 55 पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त राशि का भार पहले ही डाला जा चुका है। डिस्कॉम यह राशि जनवरी से मार्च तक उपभोग की गई बिजली यूनिट के अनुसार वसूलेगा। यह राशि भी फ्यूल सरचार्ज के रूप में ही वसूली जाएगी। पहले अधिकतम चार्ज 37 रुपए प्रति यूनिट निर्धारित था लेकिन अब 18 पैसे प्रति यूनिट अधिक की गई।
दर के अनुसार ही उपभोक्ताओं से राशि लेंगे
विद्युत विनियामक आयोग स्तर पर तय की गई दर के अनुसार ही उपभोक्ताओं से राशि लेंगे, जिसकी गणना 5 पैसे प्रति यूनिट के आधार पर होगी। अडानी पॉवर का यह मामला पहले का है और उस समय इसका समाधान नहीं निकाला गया। आरईआरसी के ऑर्डर की समीक्षा कर इसे लागू करने की तिथि तय की जा रही है।
विद्युत विनियामक आयोग स्तर पर तय की गई दर के अनुसार ही उपभोक्ताओं से राशि लेंगे, जिसकी गणना 5 पैसे प्रति यूनिट के आधार पर होगी। अडानी पॉवर का यह मामला पहले का है और उस समय इसका समाधान नहीं निकाला गया। आरईआरसी के ऑर्डर की समीक्षा कर इसे लागू करने की तिथि तय की जा रही है।
–नरेशपाल गंगवार, प्रमुख शासन सचिव, ऊर्जा विभाग