– इस राशि को वसूलने के लिए अप्रेल से जून, 2018 (एक क्वाटर) के उपभोग हुई विद्युत खपत का हवाला दिया गया, जो 14930 मिलियन यूनिट है। – इस आधार पर 1.81 रुपए प्रति यूनिट गणना का हवाला दिया।
अडानी पॉवर राजस्थान लि. ने डिस्कॉम से कोयले की दर में अंतर आने के 2288.40 करोड़ रुपए मांगे, लेकिन डिस्कॉम इस राशि पर रजामंद नहीं हुआ। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां अडानी पॉवर के पक्ष में फैसला हुआ। इसमें मूल राशि के साथ 420.96 करोड़ रुपए ब्याज का भी जोड़ा गया, जो 2709.36 करोड़ रुपए हुआ। इस मोटी रकम को जनता से वसूलने के लिए डिस्कॉम विनियाम आयोग के पास पहुंचा। भुगतान राशि का विवाद 5 से 6 साल पुराना है।
—5 हजार करोड़ यूनिट औसतन बिजली खपत है सालाना —43.91 लाख उपभोक्ता हैं जयपुर डिस्कॉम में
—41.72 लाख उपभोक्ता हैं अजमेर डिस्कॉम में —36.97 लाख उपभोक्ता हैं जोधपुर डिस्कॉम में
सुप्रीम कोर्ट ने डिस्कॉम को राशि देने के आदेश दिए थे, लेकिन यह राशि जनता से फ्यूल सरचार्ज के रूप में वसूली जाए यह नहीं कहा गया। विषय विशेषज्ञों के मुताबिक यह राशि टैरिफ में शामिल करते तो उससे पहले सुनवाई करनी होती है, जिसमें आमजन शामिल होते। इसमें सुप्रीम कोर्ट में डिस्कॉम स्तर पर की गई प्रक्रिया के बारे में भी पूछा जाता। डिस्कॉम ने इससे बचने के लिए फ्यूल सरचार्ज का रास्ता अपनाकर आपत्तियों से बचाव कर लिया।
विद्युत विनियामक आयोग स्तर पर तय की गई दर के अनुसार ही उपभोक्ताओं से राशि लेंगे, जिसकी गणना 5 पैसे प्रति यूनिट के आधार पर होगी। अडानी पॉवर का यह मामला पहले का है और उस समय इसका समाधान नहीं निकाला गया। आरईआरसी के ऑर्डर की समीक्षा कर इसे लागू करने की तिथि तय की जा रही है।