खास-खास
-11 करोड़ रुपए जेडीए ने इस परियोजना को विकसित करने में किए हैं खर्च
-64 हेक्टयर में फैली है यह परियोजना, सात हजार पौधे भी लगाए गए थे यहां
इसलिए आते सैलानी
-यहां रेत से पत्थर बनने की कहानी, धोक के पेड़, कई तरह के पक्षियों का प्रवास है।
इधर, सेंट्रल पार्क का ट्रैक धंसा
तेज बारिश में सेंट्रल पार्क का ट्रैक ही क्षतिग्रस्त हो गया। कई जगह गड्ढे हो गए। अब तक जेडीए ने इसकी मरम्मत शुरू नहीं की है। जबकि, यहां रोज सैकड़ों लोग सैर करने आते हैं। इन लोगों का कहना है कि एक अगस्त को जब सुबह सैर करने आए तो कई जगह गड्ढे थे। जेडीए अधिकारियों से शिकायत भी की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
तेज बारिश में सेंट्रल पार्क का ट्रैक ही क्षतिग्रस्त हो गया। कई जगह गड्ढे हो गए। अब तक जेडीए ने इसकी मरम्मत शुरू नहीं की है। जबकि, यहां रोज सैकड़ों लोग सैर करने आते हैं। इन लोगों का कहना है कि एक अगस्त को जब सुबह सैर करने आए तो कई जगह गड्ढे थे। जेडीए अधिकारियों से शिकायत भी की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।