जयपुर

गहलोत ‘राज’ के एक और फैसले को पलटेगी भजनलाल सरकार, राजस्थान में खत्म होंगे उप प्रधानाचार्य के पद

Rajasthan Education Department: राजस्थान सरकार ने उप प्रधानाचार्य के पद को समाप्त करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का मानना है कि स्कूलों में इस पद की आवश्यकता नहीं हैं।

जयपुरDec 22, 2024 / 07:30 am

Anil Prajapat

CM Bhajanlal Sharma

जयपुर। राजस्थान की भजनलाल सरकार साल खत्म होने से गहलोत ‘राज’ के एक और फैसले को पलटने की तैयारी में जुटी हुई है। राजस्थान सरकार ने उप प्रधानाचार्य के पद को समाप्त करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। हाल ही शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में इस पद को ‘डाइंग काडर’ घोषित करने पर चर्चा हुई।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का मानना है कि स्कूलों में इस पद की आवश्यकता नहीं है और इसके चलते व्याख्याताओं की कमी हो रही है, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

उप प्रधानाचार्य का पद पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में सृजित किया गया था। वर्तमान सरकार इस फैसले को पलटने की तैयारी में है।

पद खत्म करने के फायदे

शिक्षा विभाग के अनुसार, उप प्रधानाचार्य का पद अनावश्यक रूप से सृजित किया गया था। इसे समाप्त करने से व्याख्याताओं को सीधे प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति का लाभ मिलेगा। इससे स्कूलों में व्याख्याताओं की कमी भी पूरी होगी, और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी।

प्रदेश में पदों की स्थिति

प्रधानाचार्य के पद: 17,785 स्वीकृत, 7,489 खाली

उप प्रधानाचार्य के पद: 12,421 स्वीकृत, 4,900 भरे हुए

यदि उप प्रधानाचार्य को पदोन्नत कर प्रधानाचार्य के रिक्त पदों को भरा जाए, तो खाली पदों की स्थिति में सुधार हो सकता है।

इनका कहना है

उप प्रधानाचार्य का पद अनावश्यक था। इसे खत्म करने से व्याख्याताओं और विद्यार्थियों, दोनों को फायदा होगा।
-विपिन प्रकाश शर्मा, अध्यक्ष, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ

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