जानिए ओमप्रकाश हुड़ला के बारे में
ओम प्रकाश हुड़ला दौसा जिले की महवा तहसील के हुड़ला गांव के रहने वाले हैं। वे सोशल मीडिया में काफी चर्चित हैं। हुड़ला किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता शिवचरण मीणा किसान थे। राजनीति में कदम रखने से पहले ओम प्रकाश हुड़ला कस्टम विभाग में अधिकारी थे।
ओम प्रकाश हुड़ला को वसुंधरा राजे का करीबी माना जाता है। हुड़ला ने 2013 में राजनीति में भाग्य आजमाया और महवा से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीता। हुड़ला ने भाजपा से बागी होकर राजपा में शामिल होने वाले किरोड़ीलाल मीणा की पत्नी गोलमा देवी को महवा सीट से चुनावी दंगल में पटखनी दी। चुनाव जीते तो मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सरकार में ओम प्रकाश हुड़ला संसदीय सचिव भी बने।
2018 के विधानसभा चुनाव से पहले किरोड़ीलाल की भाजपा में वापसी हो गई। किरोड़ी और हुड़ला के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। ऐसे में किरोड़ीलाल मीणा नहीं चाहते थे कि हुड़ला को महवा से टिकट मिले। भाजपा ने किरोड़ी का मान रखा और महवा से हुड़ला की जगह किरोड़ीलाल मीणा के भतीजे राजेंद्र मीणा को भाजपा उम्मीदवार बनाया।
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कांग्रेस ने टिकट देकर बड़ा दाव खेला
ओमप्रकाश हुड़ला ने भी उस समय कहा था कि किरोड़ीलाल मीणा की वजह से उनका टिकट काटा गया। हुड़ला के मुताबिक किरोड़ी के भाजपा ज्वाइन करते समय मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने उन्हें महवा से ही चुनाव लड़वाने की बात कही थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद ओम प्रकाश हुड़ला ने भाजपा से बागी होकर बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ा और राजेंद्र मीणा को हराकर चुनाव जीता।
निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद हुड़ला गहलोत के समर्थन में आ गए। ओमप्रकाश हुड़ला को इस बार कांग्रेस ने टिकट देकर बड़ा दाव खेला है। महुवा सामान्य विधानसभा सीट पर लगातार तीसरी बार ओमप्रकाश हुड़ला चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर कांग्रेस लगातार चार चुनाव हार चुकी है। महवा विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक ओमप्रकश हड़ला को कांग्रेस का टिकट देने पर कार्यकर्ताओं में आक्रोश है।