जयपुर

निमोनिया और डायरिया से हर घंटे जा रही 140 बच्चों की जान

चिंताजनक : जिन देशों में हालात नाजुक, उनमें नाइजीरिया के बाद भारत भीहर साल 12.2 लाख बच्चों की मौत

जयपुरNov 09, 2022 / 11:37 pm

Aryan Sharma

निमोनिया और डायरिया से हर घंटे जा रही 140 बच्चों की जान

नई दिल्ली. निमोनिया और डायरिया दुनियाभर में बाल मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक हैं। हर साल 12.2 लाख बच्चे अपने पांचवें साल तक पहुंचने से पहले इन रोगों के कारण जान गंवा देते हैं। इंटरनेशनल वैक्सीन सेंटर एक्सेस की ओर से जारी ‘निमोनिया और डायरिया प्रगति रिपोर्ट 2022’ के अनुसार ये बीमारियां हर घंटे 140 यानी प्रतिदिन 3350 बच्चों की मौतों के लिए जिम्मेदार हैं। जिन देशों में ये रोग बच्चों के लिए सबसे ज्यादा जानलेवा हैं, उनमें नाइजीरिया के बाद भारत का दूसरा स्थान है।

देश की स्थिति में हुआ सुधार
वर्ष 2021 की तुलना में देश का समग्र जीएपीपीडी (निमोनिया, डायरिया के निवारण और नियंत्रण के लिए ग्लोबल एक्शन प्लान) स्कोर दो फीसदी बढ़ा है। भारत ने न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन की तीसरी डोज और रोटावायरस वैक्सीन के कवरेज में भी सफलतापूर्वक सुधार करना जारी रखा है। 2017 में देश का रोटावायरस वैक्सीन कवरेज 13 फीसदी था, जो पिछले साल बढ़कर 83 प्रतिशत हो गया।

आधे से अधिक मौतें सिर्फ 15 देशों में
ये आंकड़े चिंताजनक हैं, क्योंकि हर 43 सेकंड में निमोनिया और 65 सेकंड में डायरिया से दुनियाभर में एक बच्चे की मौत हो जाती है। इतना ही नहीं, इन रोगों के कारण 70 फीसदी से अधिक मौतें विश्व के सिर्फ 15 देशों में होती हैं जबकि इन्हें रोका जा सकता है। इन बीमारियों से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले बच्चे और परिवार अक्सर गरीबी, सशस्त्र संघर्ष और खराब स्वास्थ्य प्रणालियों के कारण बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं भी प्राप्त नहीं कर पाते।

करोड़ों बच्चे बुनियादी टीकाकरण से वंचित
इसी वर्ष जुलाई में विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ ने चेतावनी दी थी कि विश्व में बच्चों के टीकाकारण में गिरावट आ रही है। कोरोना महामारी ने दशकों से वैश्विक बाल स्वास्थ्य में हो रही प्रगति को प्रभावित किया है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 में ढाई करोड़ बच्चे बुनियादी टीकाकरण से वंचित रह गए, यह आंकड़ा वर्ष 2009 के बाद से सर्वाधिक है। इस तरह दुनिया बाल मृत्यु दर को रोकने के सतत विकास लक्ष्य तक पहुंचने में काफी पीछे है।

Hindi News / Jaipur / निमोनिया और डायरिया से हर घंटे जा रही 140 बच्चों की जान

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.