रेत के बवंडर के कारण एक बार तो सड़कों पर यातायात थम सा गया। वाहन चालकों को दिन में भी हैड लाइट जलानी पड़ी। धूल भरी आंधी से जनजीवन प्रभावित हुआ, कई पेड़ धराशाई हो गए। हालात यह थे कि रेत का गुबार के कारण अंधेरा हो गया। हर तरफ रेत का गुबार ही नजर रहा था।
खेत में कटाई की की गई फसल उड़कर खेतों में बिखर गई। जिसके कारण किसानों को भारी नुकसान होने आशंका है। नागौर में तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश हुई। चने के आकार के ओले भी गिरे। मौसम में अचानक बदला के कारण भीषण गर्मी से लोगों को राहत मिली।
जानकारी के अनुसार चूरू, झुंझुनूं, श्रीगंगानगर और बीकानेर क्षेत्र में काला तूफान इस कदर छाया कि दोपहर चार बजे ही अंधेरा छा गया। पूरा वातावरण पीला हो गया। सड़कों पर यातायात थम सा गया। वाहन चालकों को दिन में भी हैड लाइट जलानी पड़ी।
कई दुकानों के आगे लगे टीन शेड हवा में उड़ गए। इस अंधड़ से किसानों को भी नुकसान होने की खबर है। खलिहान में पड़ी सरसों व चने की फसल अंधड़ की भेंट चढ़ गई। इस दौरान कई क्षेत्रों में बिजली सप्लाई ठप हो गई। वहीं नागौर में तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश हुई। चने के आकार के ओले भी गिरे। लोगों को गर्मी से राहत मिली। श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर शाम करीब साढ़े चार बजे के आसपास बूंदाबांदी शुरू हुई। जिले के लूणियां में दोपहर करीब ढाई बजे आंधी के साथ इतना अंधेरा छा गया कि वाहनों को लाइटें जलाकर चलना पड़ा वहीं रामसिंहपुर में बादल छाए रहे। जिले के अनूपगढ़, जैतसर, केसरीसिंहपुर और दस सरकारी में हल्की बूंदाबांदी के समाचार मिले हैं। रायसिंहनगर में आंधी के साथ गर्जना हुई जबकि गजसिंहपुर में दोपहर में अंधड़ चला। इसी प्रकार सूरतगढ़ और सूरतगढ़ थर्मल में आंधी के समाचार है।
तेज अंधड़ के साथ गिरे ओले
जोधपुर क्षेत्र में अचानक बदले मौसम के कारण घनघोर घटाओं के साथ तेज अंधड़ के साथ ओले भी गिरे। क्षेत्र के जैवासर, विश्वकर्मानगर, पूनासर, पूनासर खुर्द, मुकनासर व पीथासर में करीब एक घंटे अधिक देर तक बारिश होती रही। ओलों से फसले जीरा, चना, इसबगोल व सरसों व रायडे की फसलों में भारी नुकसान की आशंका है।
जोधपुर क्षेत्र में अचानक बदले मौसम के कारण घनघोर घटाओं के साथ तेज अंधड़ के साथ ओले भी गिरे। क्षेत्र के जैवासर, विश्वकर्मानगर, पूनासर, पूनासर खुर्द, मुकनासर व पीथासर में करीब एक घंटे अधिक देर तक बारिश होती रही। ओलों से फसले जीरा, चना, इसबगोल व सरसों व रायडे की फसलों में भारी नुकसान की आशंका है।