जयपुर

पैनकिलर के काम आने वाली दवा की जांच कराई तो रीलिफ देने वाले घटक मिले शून्य

जयपुर में मिला नकली दवा का कारोबार, तार जुड़े मिले कोटा, चूरू, सीकर, झुंझुनूं तक
सब हेडिंग- औषधि नियंत्रण संगठन की जांच में 20 लाख रुपए की दवाइयां जब्त
– अजमेर की मूल दवा निर्माता कंपनी की शिकायत पर हुई जांच में खुलासा

जयपुरMay 19, 2023 / 08:19 pm

Vikas Jain

जयपुर। राजधानी सहित सीकर, झुंझुनूं, कोटा में नकली दवा के कारोबार का खुलासा हुआ है। अजमेर की मूल दवा निर्माता कंपनी की शिकायत पर औषधि नियंत्रण संगठन टीम ने जयपुर के मुरलीपुरा में वीकेआई पर थोक विक्रेता श्रीनाथ एसोसिएट्स पर दबिश दी तो यहां पार्थ फोरमुलेशन प्राइवेट लिमिटेड अजमेर की निर्मित दवा के नाम पर नकली दवाई पार्थ डायक्लोप्लस दवा का स्टॉक मिला। यह दवा पैनकिलर में काम आती है। यहां से करीब 17 लाख रुपए की नकली दवा का स्टॉक जब्त किया गया। इसी कड़ी में इसी विक्रेता की चूरू के तारानगर की बजरंगलाल द्वारकाप्रसाद फर्म से भी 32 हजार रुपए की यह नकली दवा पकड़ी गई है। चौंकाने वाली बात यह है कि संपूर्ण कार्यवाही में लिए गए पांच जांच नमूनों में दवा के लिए आवश्यक घटक डायक्लोफेनिक और पैरासीटामोल की मात्रा शून्य मिली है।
कार्यवाही की निरंतरता में ट्रांसपोर्ट कंपनी गायत्री लॉजिस्टिक के यहां 3.45 लाख और पिलानी की यूएसबी ट्रेडर्स और उत्तम मेडिकल से भी 16500 रुपए कीमत की दवाइयां जब्त की गई हैं। औषधि नियंत्रक प्रथम राजस्थान अजय फाटक ने बताया कि इन विक्रेताओं ने जयपुर की विवा मेडिकेयर और बीएमबी फार्मा से दवाई की खरीद करना बताया, लेकिन यहां स्टॉक नहीं मिला। हालांकि इन फर्म से मिले बिक्री रिकार्ड के आधार पर कोटा की साईं फार्मा के यहां से भी 10 हजार रुपए कीमत की दवाइयां जब्त की गई हैं।
नकली दवा बनाने वाले निर्माता की तलाश

पूरी कार्यवाही में अभी तक यह दवा बनाने वाला मूल निर्माता सामने नहीं आया है। औषधि नियंत्रण संगठन के अधिकारियों के मुताबिक नकली दवा की बिक्री में सामने आए विक्रेताओं पर कार्यवाही की प्रक्रिया जारी है।

Hindi News / Jaipur / पैनकिलर के काम आने वाली दवा की जांच कराई तो रीलिफ देने वाले घटक मिले शून्य

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.