जयपुर

इंटेलिजेंस ने जताई आशंका, राजस्थान में भी हो सकता है ड्रोन से हमला

जम्मू-कश्मीर में ड्रोन से आतंकी हमला होने का असर राजस्थान में भी दिखा है। अब प्रदेश के आसमान में पुलिस की नजर रहेगी।

जयपुरJul 03, 2021 / 03:07 pm

Kamlesh Sharma

जम्मू-कश्मीर में ड्रोन से आतंकी हमला होने का असर राजस्थान में भी दिखा है। अब प्रदेश के आसमान में पुलिस की नजर रहेगी।

मुकेश शर्मा/जयपुर। जम्मू-कश्मीर में ड्रोन से आतंकी हमला होने का असर राजस्थान में भी दिखा है। अब प्रदेश के आसमान में पुलिस की नजर रहेगी। केन्द्रीय गृह मंत्रालय की सख्ती के बाद राजस्थान में सभी जगह डीसीजीए के एसओपी के दायरे में किसी भी प्रकार का ड्रोन उड़ाने की अनुमति नहीं होगी। इसके लिए एटीसी और डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन से अनुमति लेनी होगी। बिना अनुमति ड्रोन उड़ाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
राजस्थान इंटेलिजेंस ने जम्मू-कश्मीर में आइईडी ड्रोन हमला होने और कोलम्बिया पुलिस द्वारा आतंकियों की आइईडी ड्रोन हमला करवाने की तकनीक पकडऩे के बीच आशंका जताई है कि आतंकी राजस्थान में भी ड्रोन हमला करवा सकते हैं। राजस्थान इंटेलिजेंस ने शुक्रवार को इस संबंध में जयपुर-जोधपुर कमिश्नरेट सहित सभी जिलों को सख्त निर्देश जारी किए हैं।
ग्रीन जोन में भी देनी होगी सूचना
राजस्थान में रेड और यलो जोन के 3 किलोमीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का ड्रोन बिना अनुमति नहीं उड़ाया जा सकेगा। ग्रीन जोन में ड्रोन उड़ाने के लिए डिजिस्काई ऐप पर सूचना देनी होगी।
एटीसी से जिला पुलिस को पहुंचेगी सूची
ड्रोन उड़ाने के लिए एयर ट्रैफिक कन्ट्रोल (एटीसी) और डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन से अनुमति लेने के लिए डिजिस्काई पोर्टल पर आवेदन करना होगा। यहां पर ड्रोन उड़ाने की अनुमति देने या नहीं देने का निर्णय होगा। एटीसी से ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति देने वालों की सूची संबंधित जिला पुलिस व थाने को भेजी जाएगी। इसके आधार पर पुलिस ड्रोन उड़ाने वालों पर नजर रख सकेगी।
अब सभी श्रेणी के ड्रोन उड़ाने की अनुमति लेना अनिवार्य
केन्द्र सरकार ने ड्रोन को पांच श्रेणी में बांट रखा है। इनमें नैनो (250 ग्राम से कम बजन का ड्रोन) सबसे छोटी श्रेणी में है। इसे उड़ाने पर प्राय: अनुमति की जरूरत नहीं थी। अन्य श्रेणी के ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति लेना पहले भी जरूरी था। अब एटीसी के दायरे में नैनो सहित अन्य सभी श्रेणी के ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
इन 5 श्रेणियों में ड्रोन का विभाजन
– नैनो: 250 ग्राम से कम वजन
– माइक्रो: 250 से एक किलो तक
– मिनी: एक किलो से 20 किलो तक
– स्मॉल: 20 किलो से 150 किलो तक
– लार्ज: 150 किलो से अधिक
इसलिए जरूरी
राजस्थान की सीमा पाकिस्तान से सटी है। यहां आए दिन जासूस पकड़े जा रहे हैं। सामरिक व सैन्य क्षेत्र के लिहाज से राजस्थान महत्वपूर्ण है। जम्मू-कश्मीर में लगातार ड्रोन मिलने के बाद अब राजस्थान में ड्रोन पर निगरानी शुरू कर दी गई है। अभी शादियों, पर्यटन स्थल सहित अन्य स्थानों पर बिना अनुमति ड्रोन उड़ाए जा रहे हैं।
गृह मंत्रालय के आदेशानुसार राजस्थान में ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति लेना जरूरी होगा। इसके लिए सभी जिला पुलिस को निर्देश दिए हैं। बिना अनुमति ड्रोन उड़ाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
– उमेश मिश्रा, इंटेलिजेंस एडीजी, राजस्थान
ड्रोन बेचने, मरम्मत करने, खरीदने और उड़ाने की अनुमति एयर ट्रैफिक कन्ट्रोल (एटीसी) और डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन से ली जा सकेगी। ड्रोन पर कैसे नजर रखी जाएगी, इस संबंध में कवायद चल रही है।
– राहुल प्रकाश, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, जयपुर कमिश्नरेट

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