सटीकता के साथ किए वार
भारतीय सेना की 354 हल्के टैंकों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए यह टैंक प्रोजेक्ट जोरावर के तहत विकसित किया गया है। रेगिस्तानी इलाके में किए गए फील्ड परीक्षणों के दौरान लाइट टैंक ने असाधारण प्रदर्शन किया। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि प्रारंभिक चरण में टैंक के फायरिंग प्रदर्शन का कड़ाई से मूल्यांकन किया गया और इसने निर्धारित लक्ष्यों पर आवश्यक सटीकता हासिल की।
चीन बॉर्डर पर हो सकता है तैनात
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह देश के भीतर स्वदेशी रक्षा विनिर्माण क्षमताओं की ताकत को दर्शाता है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय लाइट टैंक के सफल परीक्षणों के लिए डीआरडीओ, भारतीय सेना और सभी संबद्ध उद्योग भागीदारों की सराहना की। 25 टन वजनी यह टैंक पहाड़ी घाटियों में तेज गति से चल सकता है और भारतीय वायुसेना का C-17 विमान एक बार में दो टैंकों को एक साथ ले जा सकता है। भारतीय सेना इस टैंक को लद्दाख में चीन सीमा के पास तैनात करने की तैयारी में है। गौरतलब है कि गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से सेना ने लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं।