पत्नी व बच्चों ने उसको छोड़
उन्होंने बताया कि एजीटीएफ को मूलत: उत्तराखंड हाल कोटा के भीमगंज मंडी निवासी आरोपी दिग्विजय सिंह के करधनी थाना अंतर्गत नांगल जैसा बोहरा में होने की सूचना मिली। आईजी प्रफुल्ल कुमार व एएसपी विद्या प्रकाश के नेतृत्व में एजीटीएफ ने दबिश देकर आरोपी को पकड़ा। दिग्विजय अपनी मां के साथ नांगल जैसा बोहरा में छिपकर रह रहा था। उसके खिलाफ 15 आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। इसके चलते उसकी पत्नी व बच्चों ने उसको छोड़ दिया था। कोटा कोर्ट में पेश किए जाने पर आरोपी को कोटा एजीटीएफ के सुपुर्द किया गया।
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सजा सुनाने से पहले कोर्ट से भागा बिट्टू
दिनेश एमएन ने बताया कि गैंगस्टर शिवराज सिंह का भाई बृजराज सिंह वर्ष 2008 में गैंगस्टर लाला बैरागी की हत्या का मुख्य गवाह था। बैरागी की भानुप्रताप और उसके साथियों ने हत्या कर दी थी। भानुप्रताप गैंग बृजराज सिंह की हत्या की फिराक में थी। कोटा-चित्तौड़गढ़ के बीच 13 मई 2009 को बृजराज सिंह व उसके साथी जितेन्द्र की हत्या कर दी गई। इस दोहरे हत्याकांड में चित्तौड़गढ़ कोर्ट ने एक महिला सहित पांच लोगों को अंतिम सांस तक उम्रकैद की सजा सुनाई थी। दो आरोपियों की मौत हो चुकी थी। जबकि आरोपी दिग्विजय सिंह उर्फ बिट्टू फरार हो गया था। केस के गवाह व फरियादी को जान का खतरा होने पर राजस्थान हाईकोर्ट के निर्देश पर इस केस की सुनवाई कोटा में ट्रांसफर की गई थी।