
जयपुर। प्रदेश कांग्रेस में 85 सचिवों की नियुक्ति पर लगी रोक के बाद प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से सूची की अनुमति नहीं ली गई थी। डोटासरा ने भले ही अपनी गलती स्वीकार कर ली हो, लेकिन जो सूची जारी हो चुकी थी, उसमें सचिव बने नेताओं में बेचैनी बढ़ गई है।
सचिवों की सूची में शामिल नेताओं को अब इस बात का डर सता रहा है कि कहीं उनका नाम सचिवों की नई सूची में हट नहीं जाए। बताया जा रहा है कि हाईकमान की अनुमति के बिना जारी हुई इस सूची को लेकर शिकायतें हुई थीं, जिसके बाद हाईकमान ने कार्रवाई करते हुए सूची पर रोक लगा दी।
20 दिन तक चला जश्न का दौर, अब निराशा
प्रदेश कांग्रेस की ओर से 27 मई को 85 सचिवों की नियुक्ति हुई थी। नियुक्ति वाले नेताओं को 20 दिनों तक खूब बधाईयां मिली। मिठाई खिलाई गईं। साथ फोटो भी खूब खिंचवाए गए। समर्थकों ने बड़े-बड़े होर्डिंग्स और बैनर भी लगाए। नए सचिवों ने नियुक्ति को लेकर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में भी शक्ति प्रदर्शन किया। लेकिन एक ही झटके में यह सब खुशी बेचैनी में बदल गई। सचिवों की नियुक्ति पर रोक लगने के बाद कांग्रेस कार्यालय के बाहर लगे बधाईयों के पोस्टर-होर्डिंग्स और बैनर भी हटा दिए गए हैं।
सिफारिशों का भी था सूची में अंबार
बताया जा रहा है कि सूची में ज्यादातर चेहरे ऐसे हैं जो नेताओं की सिफारिश से पीसीसी सचिव बन गए। इसके बाद यह शिकायत की गई कि जो जमीन पर काम कर रहे थे, उनकी संख्या नए सचिवों में कम है। कई सचिव तो ऐसे हैं जो कुछ ही माह पहले कांग्रेस में सक्रिय हुए थे।
इनका कहना है
प्रभारी रंधावा और मैंने राष्ट्रीय अध्यक्ष की बिना अनुमति की सूची जारी कर दी थी, इसमें टेक्निकल तौर पर हमारी गलती है। इसलिए एआईसीसी ने सूची पर रोक लगाई है, अब राष्ट्रीय अध्यक्ष के यहां से अनुमोदन होगा तभी सूची आगे जारी होगी।
गोविंद सिंह डोटासरा
अध्यक्ष, राजस्थान कांग्रेस
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Published on:
17 Jun 2023 12:28 pm
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