यह सर्जरी ‘अवेक क्रैनियोटोमी’ या अवेक ब्रेन सर्जरी तकनीक से की गई, जो दुनिया भर में प्रचलित है। इस सर्जरी में मरीज को होश में रखा जाता है ताकि सर्जन ब्रेन के संवेदनशील हिस्सों को बिना नुकसान पहुँचाए ट्यूमर को निकाल सकें। सर्जरी के दौरान डॉक्टर मरीज से उंगलियां हिलाने और बोलने के लिए कहते रहे, ताकि ब्रेन के सही हिस्से को पहचाना जा सके।
इस प्रक्रिया में हाई-एंड माइक्रोस्कोप और ट्यूमर फ्लोरेसेंस तकनीक का इस्तेमाल किया गया। सी के बिरला हॉस्पिटल में न्यूरोसर्जरी टीम ने यह सर्जरी की। यह सर्जरी चार घंटे से अधिक समय तक चली। यह सर्जरी सीनियर न्यूरो सर्जन डॉ. अमित चक्रबर्ती, डॉ. संजीव सिंह और न्यूरो एनेस्थेटिस्ट डॉ. दीपक नंदवाना तथा डॉ. अवनी मिश्रा ने की। सर्जरी के तीन दिन बाद मरीज को अस्पताल से छुट्टी मिल गई और वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गया।