बिजली कम्पनियों ने वित्तीय वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही यानी अक्टूबर से दिसम्बर-19 में कोयला और परिवहन के पेटे अतिरिक्त खर्च का आंकलन किया है। जयपुर समेत तीनों डिस्कॉम ने उपभोक्ताओं पर प्रति यूनिट 30 पैसे की रिकवरी निकाली है। उपभोक्ताओं से अगले 3 माह यानी सितम्बर से नवम्बर तक के बिलों में यह वसूली 3 किस्तों में करने के आदेश जारी किए गए हैं। डिस्कॉम अधिकारियों की मानें तो इस वसूली के जरिए 600 करोड़ रुपए तक जुटाए जाएंगे।
इसको लेकर भाजपा सांसद दीया कुमारी ने गहलोत सरकार पर निशाना साधा है। दीया कुमारी ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि मैं राज्य सरकार से निवेदन और अपील करती हूं कि 3 महीने के बिजली के बिल माफ किए जाएं एवं फ्यूल सरचार्ज के निर्णय को वापस लिया जाए। प्रदेश की जनता पहले से ही कोरोना माहमारी से लड़ रही है। रोज़गार नहीं है। नौकरियां चलीं गई हैं। व्यवसाय ठप है। ऐसे में प्रदेशवासियों से अब बिजली के बिलों पर फ्यूल सरचार्ज वसूलना अन्याय है।
उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी सरकार को आड़े हाथ लिया है। राजेंद्र राठौड़ ने Tweet किया कि कोरोना महामारी में पहले से ही बिजली उपभोक्ता आर्थिक संकट की मार झेल रहे हैं और सरकार से राहत की आस लगाए बैठे हैं, लेकिन इसके विपरीत अब उपभोक्ताओं को राहत देने की बजाय सितंबर माह से 300 से 800 रुपए तक की बढ़ी हुई राशि वसूलने की तैयारी की जा चुकी है।
दूसरे राठौड़ में Tweet ने कहा कि प्रदेश के 1.50 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं से फ्यूल सरचार्ज के नाम पर 600 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार डालकर आम आदमी की कमर तोड़ने का काम हो रहा है। जबकि सरकार ने फरवरी माह में ही विद्युत दरों में औसतन 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। बिजली का बिल लगातार करंट मार रहा है जिससे आमजन त्रस्त है।
एक अन्य Tweet के माध्यम से उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जनघोषणा पत्र में विद्युत दरों में बढ़ोतरी नहीं करने का वादा किया था, लेकिन सरकार अपने वादे से मुकर रही है। वादाखिलाफी करने वाली इस सरकार को जनता माफ नहीं करेगी। कोरोना में आमजन की अर्थव्यवस्था डगमगाई हुई है। ऐसे में बढ़ी हुई राशि के बिलों को कैसे जमा कराएं?