ज्योतिषाचार्य पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि शास्त्रों में धनतेरस का पर्व प्रदोषकालीन त्रयोदशी पर मनाने का महत्व बताया गया है। ऐसे में इसबार धनतेरस शुक्रवार को मनाई जाएगी। इस दिन हस्त नक्षत्र के साथ सूर्योदय कालीन यानी दिनभर विश्व कुंभ योग रहेगा, जो गुरुवार शाम 4 बजकर 48 मिनट पर शुरू हो रहा है, जो धनतेरस पर शुक्रवार को शाम 5 बजकर 05 मिनट तक रहेगा। इसके बाद प्रीति योग शुरू हो जाएगा, जो शनिवार को शाम 4 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। इस दिन ज्वैलरी, बर्तन, प्रोपट्री व कपड़े खरीदना शुभ बताया गया है।
मध्यरात्रि 12:08 बजे तक अमृतयोग
ज्योतिशाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी शुक्रवार को दोपहर 12.36 बजे शुरू होगी, जो शनिवार दोपहर 1.58 बजे तक रहेगी। प्रदोषकालीन त्रयोदशी पर शुक्रवार को धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सूर्योदय के साथ 06:46 से मध्यरात्रि 12:08 बजे तक अमृतयोग तक रहेगा।
धनतेरस पर कल खरीदारी के श्रेष्ठ मुहूर्त
चौघडिये — समय
चर — सुबह 6.46 से 8.08 बजे तक
लाभ व अमृत — सुबह 8.08 से 10.50 बजे तक
शुभ — दोपहर 12.11 से 1.32 बजे तक
चर — शाम 4.14 से 5.35 बजे तक
लाभ — 8.53 से 10.30 बजे तक
खरीदारी शुभ
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि धनतेरस के दिन सोने-चांदी, बर्तन, जमीन-जायजाद की खरीदारी को शुभ बताया गया है। इस दिन खरीदारी तेरह गुना की बढ़ोत्तरी दायक होती है। इस दिन भगवान धन्वन्तरि की पूजा भी की जाएगी। इसी दिन से देवता यमराज के लिए दीपदान भी होगा।
रूप चतुर्दशी 11 नवंबर को
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशीयुक्त चतुर्दशी पर शनिवार को नरक व रूप चतुर्दशी मनाई जाएगी। इस दिन हनुमान जयंती पर्व मनाया जायेगा। इस दिन नरक चतुर्दशी के निमित्त शाम को दीपदान तथा आगामी अरूणोदय काल में प्रभात स्नान व दीपदान किया जाएगा।
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दिवाली का त्योहार 12 नवम्बर को
कार्तिक कृष्ण चतुर्दशीयुक्त अमावस्या पर 12 नवंबर को दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन घर—घर दीपदान होगा। घर—घर लक्ष्मी पूजन होगा। लक्ष्मी पूजन प्रदोषयुक्त अमावस्या को स्थिरलग्न व स्थिर नवांश में किया जाना सर्वश्रेष्ठ होता है।