– प्रदेश में सड़कों का जाल बिछा, पर गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल – राजस्थान पर कर्ज और ब्याज का लगातार बढ़ रहा भार जयपुर. सरकार ने अपने एक साल के कार्यकाल में कई क्षेत्रों में नवाचार भी किए हैं। अटके प्रोजेक्ट को भी विवाद से बाहर निकालकर लाई। ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए वितरण, उत्पादन और प्रसारण तीनों क्षेत्रों में केन्द्र के उपक्रमों के साथ मिलकर एक साथ नवाचार शुरू किए। वर्षों से अटकी ईआरसीपी जैसी परियोजना के धरातल पर उतरने की राह खुल गई। औद्योगिक हब बनाने के लिए पहली बार ही एक साथ 9 नई पाॅलिसी तैयार की गई। प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपरलीक पर रोकथाम और एक्शन के लिए एसआईटी का गठन कर युवाओं का विश्वास जीता। ऐसे कई कामों से जनता का सरकार के प्रति विश्वास और मजबूत हुआ है, लेकिन प्रदेश में बढ़ते अपराध पर लगाम जरूरी है। इसके अलावा निवेश को धरा पर उतारना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। वहीं, राजस्थान पर कर्ज और ब्याज का भार लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश में सड़कों का जाल बिछा है, लेकिन गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। राज्य सरकार को इन सबसे निपटना होगा तभी विकास की बयार आएगी।
— ऊर्जा -ऊर्जा क्षेत्र में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वितरण, उत्पादन और प्रसारण तीनों को मजबूत बनाने का काम। इसके लिए 1.60 लाख करोड़ के एमओयू किए। केन्द्रीय उपक्रमों से ज्वाइंट वेंचर के जरिए बड़ा काम शुरू।
-चार सोलर पार्क विकसित किए जा रहे हैं। इनसे हर साल 1250 करोड़ यूनिट सस्ती बिजली बनेगी और 5000 करोड़ रुपए सरकार की तिजोरी में आएंगे। -छत्तीसगढ़ में कोयला खदान से खनन शुरू कराया गया, इससे पावर प्लांट को अपेक्षित कोयला पहुंचा और बिजली संकट की स्थिति कम हुई। 7580 मेगावाट कोयला आधारित विद्युत संयंत्रों के लिए अनुबंध किया गया।
नगरीय विकास विभाग -करीब 20470 किलाेमीटरलम्बाई में सड़क का निर्माण, सुदृढ़ीकरण किया गया। इस पर 14679 करोड़ रुपए खर्च हुए। -जयपुर में एक साथ 11 स्थानों पर एलीवेटेड रोड, आरओबी, फ्लाईओवर के निर्माण कार्य के लिए डीपीआर तैयार कराने का काम शुरू किया गया। जयपुर मेट्रो परियोजना के विस्तार के लिए भारत सरकार एवं राजस्थान सरकार के बीच ज्वाइंट वेंचर कंपनी गठन करने पर सहमति बनी।
-नगर विकास न्यास, भरतपुर एवं नगर विकास न्यास, बीकानेर को विकास प्राधिकरण बनाने के प्रस्ताव को मंत्रीमण्डल ने स्वीकृति दी। स्वायत्त शासन विभाग -नगरीय निकायों की सीमा क्षेत्र में 15 मीटर की ऊंचाई तक के भवनों में फायर सेस की एक मुश्त राशि 50 रुपए से घटाकर 15 रुपए प्रति वर्ग मीटर पांच वर्ष के लिए की।
-14 शहरों सिरोही, आबूरोड, सरदारशहर, बांसवाड़ा, खेतड़ी, मण्डावा, कुचामन (सीवरेज एवं जलप्रदाय कार्य) एवं रतनगढ़, फतेहपुर, प्रतापगढ़, लाडनूं, डीडवाना, मकराना (सीवरेज कार्य) तथा लक्ष्मणगढ़ में जलप्रदाय कार्य स्वीकृत हुए। -श्रीअन्नपूर्णा रसोई में मोटा अनाज (बाजरा, ज्वार व अन्य मिलेट्स) भोजन में शामिल किया गया। भोजन थाली का वजन 450 ग्राम से बढ़ाकर 600 ग्राम किया गया।
-राज्य की 11 नगरीय निकायों को उच्च श्रेणी में क्रमोन्नत किया गया। 27 नवगठित नगर पालिका बनाने की अधिसूचना जारी हुई। परिवहन -सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए 10 वर्षीय सड़क सुरक्षा स्ट्रेटेजी एवं एक्शन प्लान बनाकर क्रियान्वयन शुरू।
-प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के लिए परीक्षार्थियों को साधारण, द्रुतगामी वाहनों में निवास स्थल, कोचिंग स्थल से परीक्षा केन्द्र तक आने-जाने के लिए निःशुल्क यात्रा सुविधा। -सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को गोल्डन ऑवर में अस्पताल पहुंचाने पर प्रोत्साहन राशि 5000 रुपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए किया।
शिक्षा -लघु, सीमांत, बंटाईदार किसानों और खेतिहर श्रमिकों के बच्चों के लिए सत्र 2024-25 से राजकीय महाविद्यालयों में राजकीय निधि कोष में लिया जाने वाला शुल्क माफ किया। -37 नए राजकीय महाविद्यालय की स्थापना की। स्नातकोत्तर स्तर के 33 और स्नातक स्तर के 10 महाविद्यालयों में नए विषय प्रारम्भ किए।
-राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा के विभागों में पार्ट टाइम एम.टेक का पाठ्यकम तीन शाखा (पावर सिस्टम, स्ट्रक्चर इंजीनियरिंग व एनवायरमेंट) में लागू किया गया। -राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल के पाठ्यक्रम में 6 नए विषय (हिन्दी साहित्य, अंग्रेजी साहित्य, सिंधी, कृषि विज्ञान, कृषि रसायन विज्ञान, कृषि जीव विज्ञान) को जोड़ा गया।
चिकित्सा, स्वास्थ्य – राज्य के 49 जिला अस्पतालों में वृद्धजनों के लिए जीरियाट्रिक इकाई – 11500 उप स्वास्थ्य केन्द्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का आयुष्मान आरोग्य मंदिर में परिवर्तन