लिटरेचर फेस्टिवल में मुगल टेंट को लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि काफी वर्षों से राजधानी जयपुर में लिटरेचर फेस्टिवल होता आया है। देश-दुनिया से कई साहित्यकार यहां आकर अपनी बात रखते हैं हमने हमेशा उनका सम्मान किया है लेकिन इस बार लिटरेचर फेस्टिवल में एक टेंट का नाम मुगल टेंट पर रखकर राजस्थान के अधिकांश लोगों के मन को पीड़ा पहुंचाई गई है, इसमें कोई दो राय नहीं है।
उन्होंने कहा कि मुगल टेंट की बजाए आजादी की जंग में शहीद हुए लोगों के नाम पर टेंट का नाम रखा जा सकता था। इसकी जगह अशफाक उल्ला खान सहित कई अन्य फ्रीडम फाइटर के नाम पर भी रखे जा सकते थे लेकिन ऐसा नहीं किया गया। आयोजकों को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
मुगल टेंट की बजाए राजस्थान के गौरवशाली इतिहास को दिखाएं
फेस्टिवल के मुगल टेंट को लेकर भाजपा प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि जयपुर में लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है लेकिन आयोजकों को शायद इस बारे में पता नहीं है कि राजस्थान की मिट्टी का गौरवशाली इतिहास रहा है, जहां पर महाराणा प्रताप हुए हैं, मीराबाई हुई हैं, पन्नाधाय हुई हैं लेकिन आयोजक मुगल टेंट का नाम रखकर आखिर किस मानसिकता का परिचय देना चाहते हैं।
बेहतर यह होता कि इसकी बजाए राजस्थान का गौरवशाली इतिहास को यहां पर रेखांकित किया जाता।रामलाल शर्मा ने कहा कि आयोजकों को अपनी मानसिकता पर पुनर्विचार करना चाहिए और इसका नाम बदलकर राजस्थान के गौरवशाली इतिहास के नाम पर रखना चाहिए।
वीडियो देखेंः- JLF 2023: साहित्य का महाकुंभ | Jaipur Literature Festival 2023 | Rajasthan Patrika