चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 से पहले बनाए गए दिव्यांग प्रमाण पत्र जिसमें कि चालीस प्रतिशत या उससे अधिक लिखा गया है। यानी पूरा दिव्यांगता प्रतिशत नहीं लिखा, उसे लगभग में दर्शाया गया है। ऐसे सभी प्रमाण पत्रों को फिर से बनाया जाएगा।
इससे पूर्व में बनाए गए फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्रों की पहचान हो सकेगी और उनके दिव्यांग प्रमाण पत्र निरस्त हो सकते हैं। इतना ही नहीं, यदि ये दिव्यांग प्रमाण पत्र नहीं बनाए जाते हैं तो दिव्यांगों की पेंशन भी बंद हो सकती है। ऐसे में अब दिव्यांगों को फिर से ऑनलाइन प्रमाण पत्र बनवाने होंगे। इसके लिए दिव्यांगों को ई मित्र पर आवेदन करना होगा।
इसके बाद मेडिकल बोर्ड के समक्ष पेश होकर दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाना होगा। जिसमें दिव्यांगता का सही प्रतिशत लिखा जाएगा। इसके बाद ही दिव्यांगों को सरकार की ओर से दी जा रही पेंशन, रेल व बस आदि की सुविधा व अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। गौरतलब है कि पूर्व में दिव्यांगों के अनेक प्रमाण पत्र फर्जी मिल चुके हैं। इसको देखते हुए दिव्यांग प्रमाण पत्र फिर से बनाने के आदेश जारी किए गए हैं।