जोशी ने कहा कि इसे ‘राजनीतिक आख्यान संग्रहालय’ का नाम दिया गया हैं। इसमें विधानसभा में अंदर सदन का दृश्य भी दिखाया गया है। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्रियों, पूर्व विधानसभा अध्यक्षों का सिलिकॉन से बने स्टेच्यू भी बनाए गए हैं जो जीवंत से दिखाई देते है। उन्होंने कहा कि डिजिटल म्यूजियम में राजस्थान के अतीत और वर्तमान राजनीतिक सामाजिक और आर्थिक इतिहास को दर्शाया गया है। इसमें राजस्थान की गत 70 साल की हर क्षेत्र में उपलब्धियों को भी बताया गया है। इसमें जागीरदारी प्रथा का अंत कैसे हुआ और कैसे पंचायतीराज की स्थापना के बाद राजस्थान में विकास हुआ। इसके साथ ही कृषि का विस्तार, शिक्षा में प्रगति, परमाणु परीक्षण, स्वास्थ्य और आर्थिक विकास के काम की प्रगति को भी बताया है। इसमें डिजिटल और आधुनिक उपकरण लगाए गए है। होलोग्राम से वर्चुअल रियलिटी सा नजारा दिख रहा है।
नई पीढ़ी को मिले जानकारी मिलें:
स्पीकर जोशी ने कहा कि डिजिटल म्यूजियम का उद्देश्य नई पीढ़ी को राजस्थान की जानकारी देना है। राजस्थान में संसदीय लोकतंत्र कैसे बढ़ा। इसके साथ ही नई पीढ़ी को देश और प्रदेश के बारे में कई जानकारी मिल सके। पूर्व मुख्यमंत्रियों और पूर्व विधानसभा अध्यक्षों ने किस तरह से राजस्थान के विकास में योगदान दिया। इसकी जानकारी हम राजस्थान आने वाले टूरिस्ट को भी देंगे। गौरतलब हैं कि 16 जुलाई को तत्कालीन सीजेआई जस्टिस एनवी रमन्ना ने इसका शुभारंभ किया। इस दौरान सीएम अशोक गहलोत, स्पीकर सीपी जोशी, प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया सहित कई नेता मौजूद थे।
स्पीकर जोशी ने कहा कि डिजिटल म्यूजियम का उद्देश्य नई पीढ़ी को राजस्थान की जानकारी देना है। राजस्थान में संसदीय लोकतंत्र कैसे बढ़ा। इसके साथ ही नई पीढ़ी को देश और प्रदेश के बारे में कई जानकारी मिल सके। पूर्व मुख्यमंत्रियों और पूर्व विधानसभा अध्यक्षों ने किस तरह से राजस्थान के विकास में योगदान दिया। इसकी जानकारी हम राजस्थान आने वाले टूरिस्ट को भी देंगे। गौरतलब हैं कि 16 जुलाई को तत्कालीन सीजेआई जस्टिस एनवी रमन्ना ने इसका शुभारंभ किया। इस दौरान सीएम अशोक गहलोत, स्पीकर सीपी जोशी, प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया सहित कई नेता मौजूद थे।