जयपुर

हे राम! महाकुंभ में भगदड़ के कारण ट्रेन छूटी, न खाना मिला न आराम, खुले आसमां के नीचे बिताई सर्द रात

Stampede in Mahakumbh 2025: सुरेंद्र सिंह ने बताया कि भगदड़ के कारण निकल ही नहीं पाए। बाद में वाराणसी होकर जयपुर आना पड़ा। सुबह चार से शाम चार बजे तक जाम मे फंसे रहे। खाना और पानी ने मिलने से बच्चों और बुजुर्गों की हालत खराब हो गई।

जयपुरJan 31, 2025 / 09:07 am

Rakesh Mishra

Stampede in Mahakumbh 2025

पत्रिका फोटो

Mahakumbh 2025: ‘हे राम! एकाएक भगदड़ ऐसी मची कि किसी को कुछ भी नहीं सूझा। भगवान का शुक्र है कि जान बच गई। भगदड़ के चंद घंटों बाद प्रशासन ने भले ही हालात सामान्य होने का दावा किया, हमें न खाना मिला न आराम। ऊपर से ट्रेन-बस छूटी सो अलग। मजबूरन बच्चों-बुजुर्गों संग खुले में सर्द रात बितानी पड़ी। जाम के चलते बिना साधन के कई किलोमीटर घूमकर रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पहुंचना पड़ा।’
मौनी अमावस्या के आस-पास महाकुंभ (प्रयागराज) में पवित्र स्नान करने पहुंचे जयपुर और आसपास के शहरों के श्रद्धालुओं ने यह पीड़ा राजस्थान पत्रिका के साथ साझा की। कई किलोमीटर लंबे जाम ने भी श्रद्धालुओं की परेशानियां बढ़ा दीं। रोडवेज बसें भी करीब 30 घंटे की देरी से पहुंचीं। वहीं, ट्रेनों में भी भारी भीड़ है। कंफर्म टिकट होने के बावजूद ट्रेन में यात्रा में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

तीन किलोमीटर दूरी तय करने में लगे छह घंटे

किशनगढ़ निवासी विजय सिंह राठौड़ ने बताया कि पहले प्रयागराज जंक्शन से संगम घाट तक पहुंचने के लिए करीब तीन घंटे पैदल चलना पड़ा। वापसी में स्टेशन तक का तीन किलोमीटर का सफर पूरा करने में छह से सात घंटे लग गए। सुरेंद्र सिंह ने बताया कि भगदड़ के कारण निकल ही नहीं पाए। बाद में वाराणसी होकर जयपुर आना पड़ा। सुबह चार से शाम चार बजे तक जाम मे फंसे रहे। खाना और पानी ने मिलने से बच्चों और बुजुर्गों की हालत खराब हो गई।
उन्होंने कहा कि सुबह तीन बजे आश्रम से निकले। चार किलोमीटर पैदल चलने के बाद बस पकड़ी। वो भी 12 घंटे तक जाम में ही फंसी रही। जयपुर निवासी चंद्रशेखर ने बताया कि बार-बार हमें इधर से उधर भेजा गया। अब वापस जाने के लिए भी मुसीबत उठानी पड़ रही है। बस्सी निवासी राहुल शर्मा ने बताया कि प्रयागराज पहुंचने के दस घंटे बाद तक घूमते रहे। कई बार पुलिस प्रशासन से अनुरोध किया, बस आगे जाने नहीं दी गई। पानी-शौचालय की व्यवस्था सही नहीं हैं। कहीं पर भी टेंटों में भी जगह नहीं मिली।
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रोडवेज बसों को 50 किलोमीटर पहले रोका

जाम की वजह से राजस्थान रोडवेज की बसों को 50 किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया। नतीजतन 28 जनवरी को जयपुर से रवाना हुई बसें 29 की बजाय 30 जनवरी की दोपहर 12 बजे प्रयागराज पहुंची। भूख से परेशान श्रद्धालुओं को बसों में ही रात गुजारनी पड़ी। पहले से टिकट बुक करवा चुके भक्त भी पुन: बस स्टैंड तक नहीं आ पा रहे हैं। जल्दी घर पहुंचने के लिए एक बस में 80 से 90 यात्रियों को सफर करना पड़ा।
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