दरगाह खादिम करीम शेख़ ने बताया कि उर्स का झंडा चढ़ने के साथ ही दरगाह में दूरदराज से जायरीनों का आना शुरू हो गया। उर्स में कर्नाटक के मैसूर, महाराष्ट्र, दिल्ली, मुंबई, सीकर, चूरू सहित अन्य जिलों से भी चादर पेश की गई। उर्स के समापन पर तीसरे दिन यहां घोड़ा निकास रोड स्थित डागर हाउस से मस्तान बाबा के आस्ताने पर चादर शरीफ पेश की गई। इस दौरान डागर हाउस में आयोजित महफिल-ए-समा में अनवार हुसैन जियाई क़व्वाल पार्टी ने क़व्वाली पेश की।
दिल्ली के अकीदतमंद वासिफउद्दीन डागर के सानिध्य में दरगाह पर भारी तादाद में उपस्थित जायरीनों के बीच मजार पर चादर चढ़ाई गई। असर की नमाज के बाद कुल की रस्म के साथ उर्स का समापन हुआ। इससे पहले सुबह 10 बजे लंगर में भारी संख्या में जायरीनों ने लंगर चखा और जरूरतमंदों को दरगाह का तबर्रुक बांटा गया।