लापरवाही की हद
वर्ष 2025 तक का मौजूदा मास्टर प्लान 2011 में लागू किया गया था। इसमें चारदीवारी के 6.5 किलोमीटर परिधि क्षेत्र को स्पेशल एरिया दर्शाया गया है। मास्टर प्लान लागू होने के दो साल में ही इस स्पेशल एरिया का डवलपमेंट प्लान बनाकर लागू करना था, लेकिन नगर निगम अफसरों ने इसकी जरूरत ही नहीं समझी। इसका साइड इफेक्ट यह है कि हैरिटेज स्वरूप को खत्म करते गए। इसकी जिम्मेदारी भी तय नहीं की गई।
वर्ष 2025 तक का मौजूदा मास्टर प्लान 2011 में लागू किया गया था। इसमें चारदीवारी के 6.5 किलोमीटर परिधि क्षेत्र को स्पेशल एरिया दर्शाया गया है। मास्टर प्लान लागू होने के दो साल में ही इस स्पेशल एरिया का डवलपमेंट प्लान बनाकर लागू करना था, लेकिन नगर निगम अफसरों ने इसकी जरूरत ही नहीं समझी। इसका साइड इफेक्ट यह है कि हैरिटेज स्वरूप को खत्म करते गए। इसकी जिम्मेदारी भी तय नहीं की गई।
यह होगा डवलपमेंट प्लान में
-हैरिटेज स्वरूप और सम्पत्ति को मूल स्वरूप में लाने और उसी आधार पर प्लान बनेगा। इसमें सड़क चौड़ाई, भूउपयोग, पार्क, ड्रेनेज सिस्टम, सीवरेज सिस्टम सहित अन्य प्लानिंग होगी। इसके अलावा दो चौकड़ियों के विकास का अलग से विस्तृत प्लान बनेगा।
-चारदीवारी में 1500 हैरिटेज भवन-हवेली चिन्हित है। इसमें से करीब 600 की विस्तृत रिपोर्ट तैयार है, लेकिन बाकी का काम लंबित है। इसके लिए भी मियाद तय की जा रही है।
-चारदीवारी के अलग से बिल्डिंग बायलॉज बने हुए हैं, लेकिन लापरवाही के कारण इसकी अब तक गाइडलाइन नहीं बनाई गई। गाइडलाइन बनाकर उसे नोटिफाइड कराने की प्रक्रिया तेज होगी।
-हैरिटेज स्वरूप और सम्पत्ति को मूल स्वरूप में लाने और उसी आधार पर प्लान बनेगा। इसमें सड़क चौड़ाई, भूउपयोग, पार्क, ड्रेनेज सिस्टम, सीवरेज सिस्टम सहित अन्य प्लानिंग होगी। इसके अलावा दो चौकड़ियों के विकास का अलग से विस्तृत प्लान बनेगा।
-चारदीवारी में 1500 हैरिटेज भवन-हवेली चिन्हित है। इसमें से करीब 600 की विस्तृत रिपोर्ट तैयार है, लेकिन बाकी का काम लंबित है। इसके लिए भी मियाद तय की जा रही है।
-चारदीवारी के अलग से बिल्डिंग बायलॉज बने हुए हैं, लेकिन लापरवाही के कारण इसकी अब तक गाइडलाइन नहीं बनाई गई। गाइडलाइन बनाकर उसे नोटिफाइड कराने की प्रक्रिया तेज होगी।
इन पर भी कोई अमल नहीं -ड्रोन सर्वे : विश्व विरासत सूची में शामिल होने के बाद निगम ने ड्रोन सर्वे शुरू कराया। दावा किया गया था कि अवैध निर्माणों पर कार्रवाई होगी, लेकिन फाइल डेढ़ वर्ष से ठंडे बस्ते में पड़ी है। अधिकारी दबी जुबां स्वीकारते हैं कि राजनीतिक दखल की वजह से कार्रवाई नहीं कर पा रहे। करीब 1700 नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन जवाब 25 ने ही दिया।
-राजस्थान हैरिटेज कमेटी : इसकी नियमित रूप से बैठक ही नहीं हो पाती। पहले हुई बैठक में जो निर्णय हुए, उनमें से अब तक किसी एक पर भी अमल होना शुरू नहीं हो पाया है। मुख्य सचिव ने चादीवारी की प्रभावी निगरानी के निर्देश भी दिए थे।
-परकोटे को संवारने का अधर में : परकोटे को संवारने के का काम शुरू नहीं हो पा रहा है। जबकि, निगम के खाते में इसके लिए बजट भी है। 15.9 किमी के परकोटा में से 9.5 किमी का परकोटा अब अस्तित्व में ही नहीं है। इसके बाद भी निगम के अधिकारी हाथ पर हाथ रखे बैठेे हैं।
-राजस्थान हैरिटेज कमेटी : इसकी नियमित रूप से बैठक ही नहीं हो पाती। पहले हुई बैठक में जो निर्णय हुए, उनमें से अब तक किसी एक पर भी अमल होना शुरू नहीं हो पाया है। मुख्य सचिव ने चादीवारी की प्रभावी निगरानी के निर्देश भी दिए थे।
-परकोटे को संवारने का अधर में : परकोटे को संवारने के का काम शुरू नहीं हो पा रहा है। जबकि, निगम के खाते में इसके लिए बजट भी है। 15.9 किमी के परकोटा में से 9.5 किमी का परकोटा अब अस्तित्व में ही नहीं है। इसके बाद भी निगम के अधिकारी हाथ पर हाथ रखे बैठेे हैं।