राजधानी के 37 मंदिरों सहित प्रदेशभर के 593 राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार और आत्मनिर्भर श्रेणी के मंदिरों में नंदन कानन योजना के तहत पौधे लगाए जा रहे है। इससे मंदिरों में हरियाली हो रही है, वहीं इन मंदिरों में वृंदावन की तर्ज पर तुलसी उपवन विकसित किए जा रहे है। इसी कड़ी में आमेर रोड, जलमहल स्थित मंदिर बलदेव जी परशुराम द्वारा में देवस्थान विभाग मंत्री शकुंतला रावत ने तुलसी, केला और बिल्वपत्र का पौधा लगाकर राजधानी में योजना की शुरुआत की। देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत ने बताया कि प्रदेश के 593 मंदिरों में जहां जमीन उपलब्ध है, वहां पर योजना के तहत पौधे लगाए जा रहे है।
ये पौधे लगाए जा रहे
आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी ने बताया कि मंदिरों में तुलसी व मोगरा सहित गेंदा, पीपल, आम, आंवला, नीम, केला, खेजड़ी, गिलोल, नक्षत्र वाटिका, बिल्वपत्र, आंवला आदि के पौधे लगाए जा रहे है। जिन मंदिरों में जमीन उपलब्ध नहीं है। वहां गमलों में पौधे लगाए जा रहे हैं। इनके रखरखाव की जिम्मेदारी पुजारी-सेवागीर को दी है।
बन रही गाइडलाइन
नंदन कानन योजना के तहत गाइडलाइन भी बनाई जा रही है। इसके तहत विभागीय मंदिरों की अप्रयुक्त कृषि भूमि और अन्य भूमि पर वाटिका विकसित की जाएगी।
10 से अधिक प्रजातियों के लगेंगे पौधे
जयपुर समेत प्रदेशभर में शुरू हुए देवस्थान पर्यावरण पखवाड़े के तहत बड़े मंदिरों में नंदन कानन योजना के तहत एक वाटिका विकसित की जाएगी।