अवहेलना पर होगा पंजीकरण रद्द
गंगवार सोमवार को शासन सचिवालय में पंजीकृत सोसायटियों के ऑनलाइन करने के संबंध में आयोजित बैठक ( Rajasthan secretariat meeting ) को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम, 2001, राजस्थान सोसायटी रजिस्ट्रीकरण ( Rajasthan Society Registration )
अधिनियम, 1958 तथा स्पोर्टस एक्ट के तहत लगभग 2.40 लाख पंजीकृत संस्थाओं के लिये यह अनिवार्य है। जो संस्था 31 दिसम्बर तक अपनी सभी जानकारियां एवं अधिनियम के तहत प्रस्तुत किये जाने वाले रिटर्न ऑनलाइन दाखिल नहीं करेगी उनके विरूद्ध कार्यवाही कर उनका पंजीकरण रद्द करने की कार्यवाही की जायेगी।
गंगवार सोमवार को शासन सचिवालय में पंजीकृत सोसायटियों के ऑनलाइन करने के संबंध में आयोजित बैठक ( Rajasthan secretariat meeting ) को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम, 2001, राजस्थान सोसायटी रजिस्ट्रीकरण ( Rajasthan Society Registration )
अधिनियम, 1958 तथा स्पोर्टस एक्ट के तहत लगभग 2.40 लाख पंजीकृत संस्थाओं के लिये यह अनिवार्य है। जो संस्था 31 दिसम्बर तक अपनी सभी जानकारियां एवं अधिनियम के तहत प्रस्तुत किये जाने वाले रिटर्न ऑनलाइन दाखिल नहीं करेगी उनके विरूद्ध कार्यवाही कर उनका पंजीकरण रद्द करने की कार्यवाही की जायेगी।
इसलिए लिया ऑनलाइन करने का निर्णय उन्होंने कहा कि जिलों के सभी उप रजिस्ट्रार को निर्देशित किया जाए कि उनके जिले में पंजीकृत सभी संस्थाओं की सामान्य जानकारी 30 नवम्बर तक पोर्टल पर अपलोड हो जाये। उन्होंने कहा कि सभी संस्थाओं द्वारा किये जा रहे कार्यों की बेहतर मोनिटरिंग करने तथा आमजन को इन संस्थाओं के द्वारा किये जाने वाले नियम विरूद्ध कार्यों से बचाने के उद्देश्य से सभी संस्थाओं के विवरण एवं एक्टिविटीज को ऑनलाइन करने का निर्णय किया गया है।
पारदर्शिता स्थापित करने के लिये उठाया कदम प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि दैनिक कार्य व्यवहार में बढ़ते तकनीक के प्रयोग को देखते हुए संस्थाओं के सभी मेंडेटरी रिटर्न को ऑनलाइन दाखिल करवाया जायेगा। उन्होंने कहा कि संस्थाओं में पारदर्शिता स्थापित करने के लिये 1 दिसम्बर से नई एप्लीकेशन के माध्यम से सोसायटियों से संबंधित सभी सूचनाओं को संशोधित करने की सुविधा प्रारम्भ कर दी जाएगी। सोसायटियों द्वारा 31 दिसम्बर तक जानकारियां अपलोड करने के पश्चात् 1 से 15 जनवरी तक उप रजिस्ट्रार के स्तर पर सूचनाओं का सत्यापन कर उसे लॉक करेंगे जो पब्लिक डोमेन में उपलब्ध होगी।
यह होगा फायदा इस प्रक्रिया से सोसायटियों की प्रभावी मोनिटरिंग, उनकी स्थिति, आय-व्यय का ब्यौरा, ऑडिट, योजनाओं का विवरण, निर्वाचन की स्थिति, प्रबंधकार्यकारिणी, पता आदि जानकारियां कोई भी व्यक्ति देख सकता है। वहीं विभाग के स्तर से भी ऑनलाइन मॉनिटरिंग के द्वारा सोसायटियों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता स्थापित करने में मदद मिलेगी। बैठक में विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।