दुकानदारों से राशन देना बंद किया सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में 21 मार्च से हुए लॉक डाउन के बाद राशन दुकानदारों ने मजदूरों को राशन देना बंद कर दिया है। मजदूरों ने बताया कि पहले 15—15 दिन का राशन उधार लेते थे। मजदूरी मिलने के बाद उधार चुका देते थे। सिलाई श्रमिक अबू तालिब ने बताया कि अब पैसा मिला नहीं। ठेकेदार का भी फोन बंद है। दुकानदारों ने भी राशन देने से इनकार कर दिया है। एक अन्य श्रमिक अमजद ने बताया कि फैक्ट्री मालिक एक—दो का बहाना कर टाल रहे है,लेकिन पैसा नहीं दिया जा रहा।
सामाजिक संगठन बांट रहे खाना इलाके में कई सामाजिक संगठनों ने मजदूरों को खाने की व्यवस्था का जिम्मा संभाला है। मजदूरों को खाना बांटने का काम कर रहे राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन के सहायक सचिव मुकेश गोस्वामी ने बताया कि प्रतिदिन इस क्षेत्र में भोजन के करीब 1500 पैकेट बांटे जा रहे हैं। लेकिन यह भी कम हैं। सरकार को इन मजदूरों के लिए स्थायी इंतजाम करने चाहिएं।
यहां कर सकते हैं शिकायत श्रम विभाग ने हाल ही लॉक डाउन अवधि में नियोजक की ओर से श्रमिक को नौकरी से निकालने या वेतन कटौती करने की शिकायत के लिए हैल्प लाइन जारी की है। यदि ऐसा होता है तो मजदूर 1800 1800 999 पर शिकायत कर सकता है। किसी संकट की स्थिति में मजदूर 73000 65959 और 97844 67278 पर भी सूचना दे सकते हैं।
श्रम राज्य मंत्री टीकाराम जूली से बातचीत मजदूरों को समस्याएं आ रही हैं, कैसे निस्तारण करेंग़े — हमारे पास पूरे प्रदेश में जहां से भी शिकायतें आ रही है, हाथोहाथ निस्तारण कर रहे हैं। अभी भीलवाड़ा से आई, तो मजदूरों की व्यवस्था कराई। हैल्पलाइन नंबर में कोई भी मजदूर हमसे सीधा संपर्क कर सकता है।
सीतापुरा क्षेत्र से मजदूरों को पैसा नहीं देने की शिकायत आई हैं
सीतापुरा क्षेत्र से मजदूरों को पैसा नहीं देने की शिकायत आई हैं
— मैं अधिकारियों को निर्देश दे रहा हूं कि वह सीतापुरा जाकर हालात देखेंगे। जो भी मदद सरकार की ओर से होगी, हम करेंगे। 24 घंटे हैल्पलाइन के अलावा जिला कन्ट्रोल रूम पर भी मजदूर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
मजदूरों की मदद के लिए विभाग क्या कर रहा है – सरकार ने संकट के हालात में श्रमिकों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं। कहीं से भी शिकायत आने पर तुरंत रेस्पांस दिया जा रहा है। दिहाड़ी मजदूरों के लिए एक—एक हजार रुपए दिए जाएंगे। इसके लिए सर्वे चल रहा है। अन्य राज्यों में रह रहे राजस्थान निवासी मजदूरों के लिए भी सरकार ने प्रबंध किए हैं।