इस बीच देसी जुगाड़ फेल होने के बाद प्रशासन ने प्लान बी पर काम करना शुरू कर दिया है। दरअसल कच्चे बोरवेल की मिट्टी लगातार गिर रही है। ऐसे में प्रशासन गड्ढा खोदने के प्लान पर काम कर रही है। इसके लिए पाइलिंग मशीन को मंगाया गया है। वहीं मासूम की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। वह लगातार प्रशासन से मासूम बेटी को बचाने के लिए गुहार लगा रही है।
कैमरे में नहीं दिखी हलचल
कच्ची बोरवेल होने के कारण सीसीटीवी कैमरे का वायर उलझ गया, जिसकी वजह से बचाव कार्य कुछ समय के लिए रूका हुआ था। अब फिर से रेस्क्यू शुरू कर दिया गया है। सीसीटीवी कैमरे में बच्ची द्वारा कोई हरकत या हलचल नजर नहीं आ रही है। ऐसे में परिजनों की चिंता बढ़ती जा रही है।पहले रिंग में फंसी थी बच्ची
अभी तक बच्ची को 35 से 40 फुट ऊपर ही लिया गया है। वह करीब 150 फीट पर फंसी थी। प्रशासन ने बच्ची को निकालने के लिए एल आकार का रिंग बनाया, जिसे उन्होंने गड्डे में डालकर बच्ची को सफलतापूर्वक फंसा लिया था, लेकिन मिट्टी गिरने से इसे रोक दिया गया था।सोमवार दोपहर को गिरी थी चेतना
गौरतलब है कि किरतपुर निवासी भूपसिंह ने अपने घर के सामने खेतों में सिंचाई के लिए शनिवार को बोरवेल के लिए 700 फीट की गहराई तक 8 इंच व्यास की खुदाई कराई थी। इसमें 150 फीट की गहराई तक लोहे के पाइप डाले गए थे, लेकिन इसमें पानी नहीं आने से परिजनों ने बोरवेल की खुदाई बंद कर दी। भूपसिंह की पुत्री तीन वर्षीय चेतना सोमवार दोपहर खेलते खेलते बोरवेल तक पहुंच गई। पैर फिसलने से चेतना उसमें गिर गई।
परिजनों ने भी किया था प्रयास
परिजनों को बच्ची के बोरवैल में गिरने का पता लगा तो रस्सी डालकर उसे बाहर निकालने का प्रयास किया। बालिका 10-15 फीट तक की गहराई तक जाकर बोरवेल में फंस गई थी। परिजनों ने बताया कि बालिका ने रस्सी को पकड़ा, लेकिन उसे बाहर खींचने के दौरान रस्सी उसके हाथ से छूट गई और वह डेढ़ सौ फीट नीचे पत्थर पर जाकर टिक गई। सूचना पर पुलिस प्रशासन चिकित्सा व राहत दल की टीम मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया।