उन्होंने वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में राजस्थान की वित्तीय स्थिति को लेकर कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की। उन्होंने राज्य की वित्तीय स्थिति, राजस्व और विभिन्न योजनाओं पर होने वाले खर्च की विस्तार से जानकारी ली। साथ ही अधिकारियों को राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के साथ—साथ योजनाओं का लाभ समयबद्ध तरीके से जनता तक पहुंचाने का सरकार का लक्ष्य है।
सड़क खराब बनी, यह शिकायत नहीं आए
सार्वजनिक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि सड़कों की गुणवत्ता खराब होने की शिकायत नहीं आनी चाहिए। पांच वर्ष कि गारंटी अवधि में सड़क खराब हो तो जिस ठेकेदार ने सड़क का निर्माण किया है, उससे सड़क की रिपेयर करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने इस बात पर नाराजगी भी जाहिर कि की ठेकेदारों से गारंटी अवधि में सड़क सही नहीं करवाई जाती। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी अनियमितता करने वाले ठेकेदार एवं संबंधित अधिकारी दोनो पर कार्रवाई होगी। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करें कि आमजन खराब सड़कों कि सीधी शिकायत कर सकें और उन्हें राहत मील सके। उन्होंने कहा कि सड़कों की बार-बार खुदाई न हों और यदी किसी कारण से हों तो उसको तत्काल ठीक करवाया जाए। इसके लिए सभी विभागों में समन्वय स्थापित करें।
गुणवत्तापूर्ण हो पोषाहार, सुरक्षा जागरुकता कार्यक्रम चलाएं
महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री ने गुणवत्तापूर्ण पोषाहार वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नौनिहालों को ताजा और पौष्टिक आहार पूर्ण पारदर्शिता से मिलना चाहिए। उन्होंने विद्यालयों में बालिकाओं के लिए सुरक्षा जागरूकता के कार्यक्रम चलाएं जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्कूल स्तर पर ही अगर बालिकाएं सशक्त और जागरूक कर दी जाएं और उन्हें आत्मरक्षा में निपुण बना दिया जाए तो महिला अपराधों को बहुत हद तक कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि योजनाओं को कागजों की बजाय धरातल पर उतारे ताकि आमजन को ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके।
ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए
पर्यटन विभाग कि समीक्षा बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि पर्यटन में राजस्थान कि अर्थव्यवस्था को बूस्ट देने की क्षमता है और हमे इसी दिशा में काम करना है। उन्होंने कहा कि हम पर्यटन सीजन के अलावा ऑफ सीजन के लिए भी योजना बनाएं, ताकि हम उस समय में खासकर ग्रीष्म ऋतु में ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को बुला सके। इसके लिए कुछ विशेष उत्सव आयोजित करने एवं ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए। पर्यटकों की सहुलियत के लिए एक पर्यटक हेल्पलाइन या शिकायत निवारण ऑनलाइन सिस्टम को प्रभावी किया जाए।