पंप संचालकों ने आगे कहा कि राजस्थान में अधिक वैट ने उनके व्यवसाय को प्रभावित किया है, जिससे राजस्व में हानि हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अधिक वैट होने के चलते लोग पड़ोसी राज्यों से पेट्रोल/डीजल भरवा रहे हैं क्योंकि क्योंकि वहां वैट की दरें कम हैं। राजस्थान में 6300 से ज्यादा पेट्रोल पंप हैं। उल्लेखनीय है कि राजस्थान की तुलना में, हरियाणा में पेट्रोल पर 18.20 और डीजल पर 16 फीसदी वैट है, जबकि पंजाब और गुजरात में ईंधन पर सबसे कम वैट क्रमश: 13.77 और 9.92 फीसदी है।
पंप संचालकों ने कहा कि 10 मार्च से पहले अगर राज्य सरकार ने वैट की कीमतों में कटौती नहीं की तो हम 10 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं। वहीं, सरकार ने पिछले सात सालों में डीलर्स के कमीशन में भी कोई कमी नहीं की गई है।