इसी कारण सरकार भी स्टार्टअप और इनोवेशन पर विशेष ध्यान दे रही है। राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के दौरान भी आइटी और स्टार्टअप विशेष सत्र का आयोजन किया जाएगा। इसी कारण राज्य स्टार्टअप स्टेट के रूप में उभर रहा है।
दिल्ली में प्रदूषण के कारण भी स्टार्टअप कंपनियां वहां से बाहर निकलना चाहती हैं। गुरुग्राम से भी कंपनियां का मोह भंग होने लगा है। ऐसे में स्टार्टअप प्रोत्साहन और संरक्षण के लिए जयपुर व प्रदेश के दूसरे शहरों पर फोकस बढ़ता जा रहा है। सरकार इसी स्थिति को भुनाना चाह रही है। यह हमारे लिए बड़ा अवसर भी है। वर्तमान में राजस्थान में 5100 रजिस्टर्ड स्टार्टअप हैं। इनके माध्यम से करीब 35 हजार लोगों को रोजगार मिल रहा है।
अंतरराष्ट्रीय मंच मिलेगा
राइजिंग
राजस्थान के बाद अगले साल जयपुर को अंतरराष्ट्रीय स्टार्टअप समिट की मेजबानी का अवसर मिला है। इससे प्रदेश के युवा और महिला स्टार्टअप को अंतरराष्ट्रीय मंच मिलेगा।-
डॉ. शीनू झंवर, प्रेसिडेंट, टाई राजस्थान
हम सरकार के साथ मिलकर स्कूल स्तर से स्टार्टअप को प्रोत्साहित कर रहे हैं, कुछ सीरियस स्टार्टअप को हमने भी फंडिंग की है, जिसका परिणाम बेहतर रहा।-
महावीर प्रसाद शर्मा, इन्वेस्टर
स्टार्टअप प्रोत्साहन की योजनाएं
प्रदेश के सीरियस स्टार्टअप को 1 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश मिल चुका है। हालांकि राजस्थान के स्टार्टअप की संभावनाओं का अभी तक पूरी तरह दोहन नहीं किया गया है। सरकार ने स्टार्टअप प्रोत्साहन के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। सरकार स्टार्टअप को विभिन्न चरणों में प्रोत्साहन अनुदान दे रही है।
सभी जिलों में इंक्यूबेशन सेंटर
सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में इंक्यूबेशन सेंटर खोलने के लिए 1 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। स्टार्टअप प्रोत्साहन प्रोग्राम में सरकार स्थानीय उद्योग और निजी संस्थानों का भी सहयोग ले रही है।
6052 करोड़ का होगा इन्वेस्टमेंट
देश-विदेश की 43 कंपनियां प्रदेश में निवेश के लिए तैयार हैं। इनसे करीब 6052 करोड़ का निवेश होने का आकलन किया गया है। इनमें आइटी, स्टार्टअप कंपनी, साइंस एंड टैक्नोलोजी से जुड़े उद्यमी होंगे। ये डेटा सेंटर, स्मार्ट आईटी पार्क, इंक्यूबेशन सेंटर तैयार करेंगे।