जयपुर के उत्तरी रिंग रोड को दक्षिणी रिंग रोड की तर्ज पर बनाया जाएगा। इस रिंग रोड कॉरिडोर की चौड़ाई 360 मीटर तय की गई हैं, जिसमें से 70 मीटर हिस्से में एनएचएआई रिंग रोड कॉरिडोर तैयार करेगा। इसके बदले में एनएचएआई प्रभावित पक्षकारों को नकद मुआवजा देगा। जबकि रिंग रोड कॉरिडोर के दोनों ओर 145-145 मीटर जमीन अधिग्रहण का काम जेडीए करेगा। इसके बदले में जेडीए प्रभावित किसानों को 25 प्रतिशत विकसित भूमि देगा। ऐसे में जमीन अधिग्रहण करना जेडीए के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि रिंग रोड के लिए अगले माह यानी जनवरी से जमीन अवाप्ति प्रक्रिया शुरू होगी। पहले फेज में 70 मीटर चौड़ाई में मुख्य कॉरिडोर बनाने का काम शुरू होगा।
जमीन अवाप्ति महत्वपूर्ण काम…
उत्तरी रिंग रोड प्रोजेक्ट के मुख्य कॉरिडोर के लिए जमीन अवाप्ति का महत्वपूर्ण काम नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) खुद कर रही है। जमीन अवाप्ति से लेकर मुआवजे का भुगतान एनएचएआई करेगी। इसमें करीब 3 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च होंगे। कुछ दिन पहले ही जयपुर जिला प्रशासन ने रिंग रोड बनाने के लिए मार्च 2023 तक भूमि अवाप्ति का लक्ष्य रखा है। कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने एनएचएआई को भूमि अवाप्ति के लिए 20 दिसंबर से पहले अधिसूचना जारी करने के निर्देश दिए हैं।
उत्तरी रिंग रोड प्रोजेक्ट के मुख्य कॉरिडोर के लिए जमीन अवाप्ति का महत्वपूर्ण काम नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) खुद कर रही है। जमीन अवाप्ति से लेकर मुआवजे का भुगतान एनएचएआई करेगी। इसमें करीब 3 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च होंगे। कुछ दिन पहले ही जयपुर जिला प्रशासन ने रिंग रोड बनाने के लिए मार्च 2023 तक भूमि अवाप्ति का लक्ष्य रखा है। कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने एनएचएआई को भूमि अवाप्ति के लिए 20 दिसंबर से पहले अधिसूचना जारी करने के निर्देश दिए हैं।
यह होगा फायदा…
उत्तरी रिंग रोड बनने से शहर में ट्रैफिक का दबाव कम होगा, वहीं 200 फीट अजमेर रोड पर यातायात दबाव कम होने के साथ 30 हजार से अधिक वाहनों को आवागमन की सुविधा मिलेगी। चालकों को इससे करीब 15 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। वहीं जयपुर से सीधे दिल्ली मुम्बई एक्सप्रेस—वे जुड़ सकेगा।
उत्तरी रिंग रोड बनने से शहर में ट्रैफिक का दबाव कम होगा, वहीं 200 फीट अजमेर रोड पर यातायात दबाव कम होने के साथ 30 हजार से अधिक वाहनों को आवागमन की सुविधा मिलेगी। चालकों को इससे करीब 15 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। वहीं जयपुर से सीधे दिल्ली मुम्बई एक्सप्रेस—वे जुड़ सकेगा।