जयपुर में सीकर रोड स्थित श्री भवानी निकेतन शिक्षा समिति के अंतर्गत संचालित सैनिक स्कूल के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मेरा सौभाग्य कि आज सैनिक स्कूल के उद्घाटन में मौजूद हूं। मुझे खुशी है कि मैं एक शिक्षक रह चुका हूं। राजस्थान की धरती वीरता ही नहीं संस्कृति के लिए भी पहचानी जाती है। यहां महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान, सूरजमल और सवाई जयसिंह जैसे वीरों ने जन्म लिया है। राजस्थान की धरती पर सैनिक स्कूल खुलना किसी वरदान से कम नहीं है।
100 नए सैनिक स्कूल PPP मॉडल पर संचालित
उन्होंने कहा कि कहा कि कुछ लोग सोच रहे होंगे कि देश में पहले से कई सैनिक स्कूल चल रहे हैं। लेकिन, 100 नए सैनिक स्कूल खोलने की आवश्यकता क्यों पड़ी? दरअसल, देश में अब तक जो सैनिक स्कूल रहे हैं, वो विशेष तौर से संचालित हो रहे थे। वे सैनिक स्कूल केंद्र और राज्य सरकार के सम्मिलित प्रयासों से स्थापित होते थे। राज्य सरकार भूमि का आवंटन करती थी और केंद्र सरकार अन्य भूमिका निभाती थी। देश के सभी पुराने सैनिक स्कूल इसी तरीके से चल रहे थे। लेकिन, पीएम मोदी ने देश में जिन 100 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना का लक्ष्य रखा है, वो केंद्र और राज्य सरकार की पार्टनरशिप से नहीं पीपीपी मॉडल यानी प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप के आधार पर संचालित किए जा रहे है। यह भी पढ़ें
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कभी बड़ा नहीं हो सकता छोटे मन का व्यक्ति
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश में अर्थव्यवस्था की ड्राइविंग सीट पर 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा प्राइवेट सेक्टर का है। हमारी प्राचीन शिक्षा प्रणाली में आध्यात्म के साथ साहित्य, विज्ञान व गणित पर फोकस रहा है। अटल बिहारी जी कहते थे, छोटे मन का व्यक्ति कभी बड़ा नहीं हो सकता, टूटे मन का व्यक्ति कभी खड़ा नहीं हो सकता। जैसे-जैसे मन का विस्तार होगा, वैसे सुख और आनंद बढ़ेगा। यह भी पढ़ें