जयपुर

Exclusive : अब ‘साली’ ज्योति मिर्धा को हराने उतरेंगे ‘जीजा’ दीपेंद्र हुड्डा, हनुमान बेनीवाल का करेंगे सपोर्ट

Nagaur Lok Sabha Election : दीपेंद्र हुड्डा हालांकि भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा के नजदीकी रिश्तेदार हैं, लेकिन वे गठबंधन प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल के समर्थन में जनसभा करते नजर आएंगे।

जयपुरApr 08, 2024 / 07:51 pm

Nakul Devarshi

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राजनीति से इत्तर कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और डॉ ज्योति मिर्धा का पारिवारिक रिश्ता भी है, जिससे बहुत कम लोग वाकिफ हैं। ये रिश्ता है जीजा-साली का। दरअसल, दीपेंद्र सिंह हुड्डा की पहली पत्नी श्वेता मिर्धा हुड्डा ज्योति मिर्धा की सगी बहन हैं। ज्योति बड़ी तो श्वेता छोटी बहन हैं।

श्वेता और ज्योति मिर्धा, दोनों राजस्थान के दिग्गज जाट नेता और 5 बार सांसद रहे नाथूराम मिर्धा की पौत्री हैं। हालांकि दीपेंद्र हुड्डा और श्वेता का वैवाहिक रिश्ता लंबे वक्त तक नहीं चला और दीपेंद्र ने गीता ग्रेवाल से दूसरी शादी कर ली।

नागौर के अलावा सीकर और झुंझुनूं में जाट मतदाताओं की बहुलता के चलते हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा की सभाएं करने की डिमांड बढ़ रही है। दीपेंद्र हुड्डा हालांकि भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा के नजदीकी रिश्तेदार हैं, लेकिन वे गठबंधन प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल के समर्थन में जनसभा करते नजर आएंगे। दिलचस्प बात ये भी है कि स्टार प्रचारकों के दौरे में जातिगत समीकरणों का ध्यान रखा जा रहा है।

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तीसरी बार हो रहा आमना-सामना
ज्योति मिर्धा और बेनीवाल तीसरी बार आमने-सामने हो रहे हैं। इससे पहले 2014 और 2019 में भी दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा है। ठीक 5 साल बाद चेहरे नहीं बदले हैं, लेकिन समीकरण बदल चुके हैं। जहां 2019 में ज्योति मिर्धा कांग्रेस की प्रत्याशी थीं, तो वहीं हनुमान बेनीवाल ने उनके खिलाफ चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। तब बेनीवाल को भाजपा का समर्थन था। इस बार की परिस्थिति में बेनीवाल कांग्रेस के समर्थन से चुनावी मैदान में हैं, तो वहीं ज्योति मिर्धा भाजपा टिकट से प्रत्याशी है।

जाट बाहुल्य है नागौर लोकसभा सीट
[typography_font:14pt;” >नागौर परंपरागत रूप से जाट राजनीति का प्रमुख गढ़ माना जाता है। नागौर के जातीय समीकरण पर नजर डालें तो नागौर में जाट बहुसंख्यक हैं। मुस्लिम मतदाताओं की आबादी दूसरे स्थान पर बताई जाती है। इसके अलावा राजपूत, एससी और मूल ओबीसी वोटर भी अच्छी संख्या में हैं। नागौर लोकसभा सीट पर लंबे समय तक मिर्धा परिवार का दबदबा रहा है। नागौर से सबसे ज्यादा बार सांसद बनने का रिकॉर्ड नाथूराम मिर्धा के नाम है, जो छह बार नागौर से जीते थे। नाथूराम मिर्धा परिवार जाट समुदाय से है।

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