एएलएफ के 13वें संस्करण के दौरान, जिसकी थीम “रिचुअल्स” (अनुष्ठान) है, “दीपम” ने प्रतिष्ठित हेरेंग्राच्ट नहर को झिलमिलाते रोशनी के समंदर में बदल दिया। 100 मीटर में फैले इस कृति में 70 तैरते दीप शामिल हैं, जिन्हें चमकदार पीतल से हस्तनिर्मित किया गया है। यह कृति प्रकाश को आशा, खुशी और एकता के प्रतीक के रूप में प्रस्तुतकरती है।
सीमित संस्करण की कलाकृति उल्लेखनीय है कि एम्स्टर्डम की 750वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में, एम्स्टर्डम लाइट फेस्टिवल ने विभोर सोगानी से 75 अतिरिक्त अनूठे दीपम तैयार करने का अनुरोध किया। यहकृति आशा और उत्सव की भावना को उजागर करती है और इस ऐतिहासिक अवसर का प्रतीक है।
विभोर सोगानी के अनुसार, “भारतीय संस्कृति में दीप जलाना अच्छाई की बुराई पर विजय और सकारात्मकता फैलाने का प्रतीक है,” विभोर सोगानी कहते हैं। “दीपमइस प्राचीन परंपरा का उत्सव है, जो सभी को इसके सार्वभौमिक संदेश-आशा और खुशी-का अनुभव करने के लिए आमंत्रित करता है।”
विभोर सोगानी के बारे में विभोर सोगानी, जयपुर में जन्मे, एक पुरस्कृत इंस्टालेशन आर्टिस्ट हैं और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिज़ाइन, अहमदाबाद के छात्र रहे है। अपने बड़े पैमाने के सार्वजनिक कलापरियोजनाओं के लिए प्रसिद्ध, सोगानी की कलाकृतियों ने भारत और विश्व भर में शहरी परिदृश्यों को परिवर्तित किया है। उनकी प्रसिद्ध कृतियों में नई दिल्ली में “स्प्राउट्स” और ऑस्ट्रेलिया, यू.ए.ई, और नीदरलैंड्स के कला परिदृश्य उल्लेखनीय है।