कौन है दीन दयाल बैरवा …?
कांग्रेस ने मंथन के बाद गुरूवार देर रात सभी सात विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए। वहीं, दौसा विधानसभा सीट से कांग्रेस ने दीन दयाल बैरवा को चुनावी मैदान में उतारा है। दीन दयाल दौसा के पूर्व प्रधान रह चुके हैं। वर्तमान में उनकी पत्नी बीना बैरवा लवाण की प्रधान हैं। दीन दयाल के पिता स्व. किशनलाल बैरवा ने कांग्रेस से साल 1980 और 1983 में दौसा विधानसभा से चुनाव लड़ा। जिसमें दोनों बार उनको हार का सामना करना पड़ा। दीन दयाल पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। वे सचिन पायलट और मुरारीलाल मीना के नजदीकी माने जाते हैं। दौसा में होगा रोचक मुकाबला
जगमोहन मीना को पिछले विधानसभा चुनाव 2023 और लोकसभा 2014 में टिकट की पेशकश के बाद बीजेपी ने उपचुनाव में टिकट दिया है। भाजपा पूर्वी राजस्थान में पार्टी किरोड़ी मीना के प्रभाव का फायदा लेना चाहती है। इसलिए उनके भाई को उतारा गया है। भाजपा लगातार दो बार से यह सीट हार रही है। जगमोहन को टिकट देकर पार्टी ने किरोड़ी को भी साधने की कोशिश की है।
दौसा सीट का इतिहास
दौसा विधानसभा सीट पर भाजपा लगातार दो बार से हार रही है। दौसा लोकसभा सीट से सांसद मुरारी लाल मीना साल 2018 और 2023 तक लगातार विधायक रहे। मीना के सांसद बनने के यह सीट खाली हो गई थी। मुरारी लाल मीना ने साल 2008 में भी यहां से बसपा से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। जबकि 2013 में भाजपा के शंकर लाल शर्मा ने जीत दर्ज की।