प्रकरण की जांच कर रहे हैं जांच अधिकारी शक्तिराज सिंह ने बताया कि करधनी योजना गोविंदपुरा निवासी 69 वर्षीय गीता देवी ने अपनी बहू राखी उर्फ आंचल सहित 3 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई है। परिवादीया ने यह आरोप लगाए हैं कि रखी ने परिवादिया के पति का मोबाइल फोन हड़प कर ओटीपी के जरिए खाते से लाखों रुपए निकाल लिए। जिस पर सदमा लगने के चलते परिवादिया के पति राज नारायण अग्रवाल की मौत हो गई। वहीं इस सदमे के चलते परिवादिया को भी हार्ट अटैक आया और अब उस का हृदय महज 30 प्रतिशत ही काम करता है।
परिवादिया ने अपनी बहू राखी पर यह आरोप लगाए हैं कि वर्ष 2015 में परिवादिया के इकलौते बेटे रितेश की शादी राखी के साथ हुई। शादी से पहले से ही राखी अपने पिता और जीजा के साथ मिलकर शेयर ट्रेडिंग का काम कर रही थी। शादी के कुछ महीने बाद ही राखी ने अपने पति रितेश से उसका नाम बदलवाने की जिद की। जिस पर रितेश ने गजट नोटिफिकेशन जारी करा राखी का नाम बदलकर आंचल करवा दिया। इसके बाद राखी ने अपने तमाम दस्तावेज आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि में भी अपना नाम राखी से बदलाव कर आंचल करवा लिया। बाद में परिवादिया व उसके पुत्र रितेश को पता चला कि राखी ने कई लोगों को धोखे में रखकर उनके लाखों करोड़ों रुपए शेयर में इन्वेस्ट करने के नाम पर लेकर हड़पे हैं और उन लोगों से बचने के लिए उसने अपना नाम बदलवाया है। यही नहीं नाम बदलने के बाद राखी के व्यवहार में भी काफी परिवर्तन आ गया और वह अपने शेयर ट्रेडिंग के दूसरे क्लाइंट्स से भी गाली गलौंच कर बातें करने लगी।
अपने तमाम दस्तावेजों में नाम बदलवाने के बाद राखी ने अपने आधार कार्ड से अपना मोबाइल नंबर लिंक ना करवा कर अपने ससुर राजनारायण का मोबाइल नंबर लिंक करवाया। इसके बाद राखी ने अपने ससुर का मोबाइल हड़प लिया और ससुर व पति के बिजनेस अकाउंट से ओटीपी के माध्यम से लाखों रुपए हड़पने लगी। चूंकि बिजनेस अकाउंट से किए जाने वाले ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के ओटीपी ससुर के मोबाइल पर ही प्राप्त होते थे ऐसे में राखी ने उसका गलत फायदा उठाते हुए बिजनेस अकाउंट से 56 लाख 58 हजार रुपए से अधिक की राशि अपने खातों में ट्रांसफर कर ली। जब ससुर को अपनी बहू की हरकतों का पता चला दो सदमे के चलते दिसंबर 2018 में उनकी मौत हो गई। वहीं जब रितेश ने राखी से राशि वापस लौटाने के लिए कहा तो रखी ने लड़ाई झगड़ा करना शुरू कर दिया और मई 2019 में रितेश को छोड़कर चली गई। पहले पति की सदमे से मौत और बाद में इकलौते बेटे की जिंदगी बर्बाद होती देखकर परिवादिया को भी हार्ट अटैक आ गया। वर्तमान में परिवादिया का हृदय मात्र 30ः ही काम कर रहा है। जब परिवादिया अपने बेटे के साथ करधनी थाने में अपनी बहू के खिलाफ मामला दर्ज कराने पहुंची तो पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। जिस पर परिवादिया को कोर्ट की शरण लेनी पड़ी और कोर्ट के दखल के बाद अब करधनी थाने में राखी उर्फ आंचल के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 120.बी और 406 के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच करना शुरू किया गया है।