चार दिवसीय महापर्व डाला पहले दिन नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ। आज खरना का व्रत आरंभ होगा। व्रत रखने वाले महिलाएं और पुरुष दिन भर उपवास करने के बाद शाम को घर में ही भगवान सूर्य को गुड़ की खीर, गेहूं की रोटी और केला का नैवेद्य अर्पित करेंगे। भगवान सूर्य को चढ़ाए गए नैवेद्य को प्रसाद रूप में ग्रहण करने के साथ ही 36 घंटे का निर्जल उपवास शुरू हो जाएगा।
यह भी पढ़े: नहाय खाय के साथ सूर्य उपासना का महापर्व डाला छठ शुरू…
अस्ताचल गामी सूर्य को पहला अर्घ्य कल
व्रत करने वाले परिवार के लोगों के साथ गलताजी पहुंचेंगे। 30 अक्टूबर को गलता कुंड में खड़े होकर अस्ताचल गामी सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित करेंगे। गलता पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य गंगा आरती भी करेंगे। व्रति एनबीसी के पीछे पार्क में बनाए जाने वाले कृत्रिम तालाब सहित अन्य जलाशयों में भी खड़े होकर अस्ताचल गामी सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित करेंगे। इसके अगले दिन 31 अक्टूबर की सुबह उगते हुए सूर्य को दूसरा अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही व्रत का पारायण होगा।