व्यक्ति उत्सुकता में जैसे ही ई-कार्ड के लिंक पर क्लिक करता है, उसके फोन का पूरा एक्सेस ठगों के हाथ में चला जाता है। इसके बाद ठग बैंक खातों से पैसे उड़ा लेते हैं और पीडि़त को कोई ओटीपी या सूचना भी नहीं मिलती। इतना ही नहीं, आपके कॉन्टैक्ट्स से भी ठगी का प्रयास किया जाता है। साइबर एक्सपट्र्स के मुताबिक उनके पास रोजाना इस तरह के 6-7 मामले सामने आ रहे हैं, वहीं साइबर क्राइम पोर्टल पर रोजाना 300 से 400 शिकायतें आ रही हैं।
ठग ‘रिमोट एक्सेस ऐप्स’ का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे ऐप की फाइल एपीके फॉर्मेट में आती है। आकर्षक डिजाइन में ई-कार्ड भेजा जाता है। इसके लिंक में मेलवेयर छिपाते हैं।