जयपुर

जामताड़ा को पछाड़ मेवात बना ठगी का नया ‘नेशनल हब’, नाबालिग बना रहे सेक्सटॉर्शन के वीडियो; ऐसे काम करती है गैंग

Cyber Fraud in Rajasthan: राजस्थान का मेवात इलाका साइबर ठगी में जामताड़ा को पछाड़ नया नेशनल हब बनते जा रहा है। जहां रोजाना हजारों लोगों से करोड़ों की ठगी हो रही है।

जयपुरOct 21, 2024 / 07:05 pm

Nirmal Pareek

विकास जैन/मुकेश शर्मा। साइबर ठगी के लिए कुख्यात राजस्थान के मेवात इलाके में 12 से 17 वर्ष के नाबालिग ठग देश के हिंदीभाषी राज्यों के लोगों को निशाना बना रहे हैं। सेक्सटॉर्शन के वीडियो बनाने सहित दस अलग-अलग तरीकों से रोजाना हजारों लोगों से करोड़ों की ठगी इस इलाके के नाबालिग कर रहे हैं। झारखंड के देवघर व हरियाणा के नूह के बाद राजस्थान के डीग और अलवर तीसरे व चौथे नंबर पर साइबर ठगी के नेशनल हब बन चुके हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि इस इलाके के नाबालिग ठग सुबह स्कूल जाते हैं, दोपहर को घरों में बैठकर सेक्सटॉर्शन के वीडियो बनाते हैं और देर रात गैंग के आकाओं के जरिये लोगों को खेत व पहाड़ों से ब्लैकमेल कर धमकाया जाता है। राजस्थान के अलावा हिंदीभाषा अच्छी तरह समझने वाले उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, बिहार, झारखंड, गुजरात जैसे राज्यों के लोगों को इनका गिरोह ठगता है। अंग्रेजी जानने वाले कुछ नाबालिग ठग तेलंगाना सहित दक्षिण भारत और विदेशों तक लोगों को शिकार बना रहे हैं। गरीबों को रुपए देकर उनके बैंक खाते खुलवा देते हैं। उनके एटीएम व अन्य दस्तावेज शेरा की गैंग के पास होते हैं। इलाके में कई गैंग सक्रिय हैं।
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इन केसों से समझे ठगों का अपराध

केस 1: मां-बाप बिजनेस मानते, पड़ोसी को पैसा वाला बनते देख कोई नहीं रोकता

जुरहरा क्षेत्र में 16 साल के दो नाबालिग पकड़े, जिन्होंने बताया कि वे मक्कू के लिए काम करते हैं। ये खुद सेक्सटॉर्शन के वीडियो बनाकर मक्कू को देते हैं। मक्कू पार्टियों को छेड़ता (धमकी देता) है। ठगी के पैसे निकालने वाला मतीन है, जो ई-मित्र चलाता है। फर्जी सिम व मोबाइल अब्बास लाता है। पैसा इन सबके बीच बंटता है। सबसे ज्यादा मक्कू को 50 प्रतिशत मिलता है। मतीन और इन नाबालिगों के बीच पैसा बराबर बंटता है।
अब तक छह माह में दोनों ने मिलकर ठगी से 12 लाख रुपए कमा लिए। जो पैसे कमाए मौज-मस्ती में उड़ा दिए। उनके गांव के ज्यादातर लोग यही काम करते हैं। उनके मां-बाप को भी इसकी जानकारी है। कोई नहीं रोकता, इस इलाके में बड़ा बिजनेस ये ही है। ठगी से लोगों ने बड़े-बड़े मकान, फार्म हाउस बना लिए। उन्होंने बताया कि एक-दूसरे को पैसे वाला बनते देख हर कोई यही काम कर रहा है।
केस 2: 17 साल की उम्र, छह लाख रुपए ठगे

17 साल के इस ठग ने कहा कि वह डेढ़ वर्ष में ठगी से छह लाख रुपए कमा चुका। इससे पहले छोटे-मोटे काम करता था जिससे महीने में पांच-सात हजार रुपए ही कमा पाता था। उसके साथ ठगी में जयपुर का शेरा भी शामिल है। वह भी उसी के गांव का है। फर्जी खाते की व्यवस्था शेरा व उसके साथी करते हैं। शेरा जयपुर में एटीएम से पैसे निकालकर गांव भेजता है और लिफाफों में उनके हिस्से के पैसे देता है।
केस 3: नाबालिग ने मोबाइल छिपाया, छीनकर देखा तो मिले पोर्न वीडियो

कैथवाड़ा की मुख्य सड़क से करीब 300 मीटर अंदर खेतों के बीच पेड़ के नीचे बैठकर 12 वर्षीय बालक सेक्सटॉर्शन के लिए चैटिंग करते मिला। पत्रिका टीम पहुंचते ही वह हड़बड़ाया और मोबाइल छिपा लिया। संवाददाताओं ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर पूछताछ की तो वह बोला लड़कियों की आवाज अच्छे से निकाल लेता है। उसका मोबाइल देखा तो युवतियों के नाम से फेक अकाउंट बनाकर वह लोगों से फेसबुक चैटिंग कर रहा था। फिर वाट्सऐप नंबर ले लेते हैं।
सख्ती से पूछताछ की तो बोला अभी तो चैटिंग कर रहा है। वीडियो दिन में घर पर बनाता है। मां-बाप मना नहीं करते…इस सवाल पर बोला…यहां कोई मना नहीं करता…गांव के अधिकांश लोग यही काम करते हैं। फिर बोला इन दिनों पुलिस का जोर है…इसलिए ठगी करने वाले भाग रहे हैं। वह वीडियो बनाकर 15 साल के दूसरे साथी को देता है, जो साइबर क्राइम अधिकारी बनकर सेक्सटॉर्शन के शिकार को धमकाता है। गैंग के सदस्य के पास फर्जी अकाउंट है। ठगी का पैसा उसके अकाउंट में आता है, फिर बंटता है।
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चार रात और पांच दिन पत्रिका टीम ने की घेराबंदी

राजस्थान पत्रिका संवाददाताओं ने 4 रात और 5 दिन तक मेवात के डीग जिले के दुर्गम इलाकों में इन ठगों के बीच रहकर घेराबंदी की। स्थानीय सूत्रों के जरिये रात में खेतों में बैठकर सेक्टॉर्शन के वीडियो बनाते, युवतियां बनकर लोगों से फेसबुक चैटिंग करते और ऑनलाइन ठगी के पैंतरे अपनाते हुए इन्हें रंगे हाथों पकड़ा। इनकी उम्र पूछी तो चौंकाने वाला जवाब…मात्र 12 से 17 साल…। मोबाइल में फुल पॉर्न वीडियो-चैटिंग के शॉट मिले। उन्होंने माना कि उनके यहां गांव के ज्यादातर लोग ठगी का काम करते हैं।
साइबर फ्रॉड के दर्ज प्रकरण

ऐसे काम कर रही है गैंग

1. मुख्य सरगना: फर्जी सिम, मोबाइल व बैंक खाते खुलवाने, ठगी का शिकार बनाने के लिए लोगों के मोबाइल नंबर उपलब्ध करवाने वाला

2. मैसेंजर: सेक्सटॉर्शन का वीडियो बनाने वाले
3. यूट्यूबर : वीडियो को यू-ट्यूब पर वायरल करने की धमकी देने वाला

4. अफसर: दिल्ली सहित अन्य राज्यों का साइबर क्राइम अधिकारी बनकर गिरफ्तार करने की धमकी देने वाला

5. मुखबिर: पुलिस के गांव व जंगल में आने की सूचना देने वाला
6. अन्य सदस्य: एटीएम से पैसे निकालने और मुख्य सरगना के कहने पर गैंग के सदस्यों को उनका हिस्सा पहुंचाने वाले

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साइबर जालसाज यों कर रहे ठगी

पत्रिका टीम को ऐसे भी दुर्गम स्थान मिले, जहां पर किसी ने खेत के बीच में पेड़ पर मचान बना रखी है तो किसी ने जंगल में पहाड़ी पर। सूत्रों ने बताया कि मचान पर बैठकर गैंग का गुर्गा पुलिस की निगरानी रखता है और मचान के नीचे बैठकर सेक्सटॉर्शन के शिकार व्यक्ति को ब्लैकमेल करने के लिए धमकी देते हैं। पुलिस सख्ती के कारण बड़ी संख्या में साइबर जालसाज उत्तर प्रदेश व हरियाणा सीमा से सटी होने के कारण वहां भाग गए।
1. सेक्सटॉर्शन

फेसबुक, इंस्टाग्राम व वाट्सऐप पर लड़की बनकर चैटिंग करते। झांसे में आने वाले को ऑनलाइन सेक्स के लिए उकसाते। अन्य मोबाइल में लड़की की पोर्न वीडियो चालू करके शिकार के कपड़े खुलवा देते। बाद में मोबाइल पर लड़की के साथ स्क्रीन का वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करते। फिर 5 लाख से 1.5 करोड़ रुपए तक वसूल लेते हैं।
2. ओएलएक्स

ओएलएक्स पर फर्नीचर, गाड़ी या फिर अन्य कोई भी सामान बेचने का झांसा देकर ठगी करते हैं। झांसे में आने वाले व्यक्ति को वह जो भी सामान मांगता, उसकी अलग-अलग फोटो भेजते हैं। फिर सामान के हिसाब से रकम बताते हुए अमानत के तौर पर अग्रिम राशि खुद के खाते में ट्रांसफर करवा लेते। लेकिन सामान नहीं भेजते।
3. पैंसिल पैकिंग

सोशल मीडिया पर विज्ञापन के जरिए बेरोजगारों को पैंसिल पैकिंग का उद्योग लगाने का झांसा देते। जो भी बेरोजगार जालसाज के दिए नंबरों पर संपर्क करता, उसे झांसा देते कि पैंसिल उपलब्ध करवाएंगे और पैकिंग कर उनको बेचना रहेगा। रजिस्ट्रेशन व माल (पैंसिल) भेजने के नाम पर मोटी रकम जमा करवाकर ठगी करते।
4. स्वास्थ्य बीमा

मोबाइल पर लोगों से संपर्क करते और उन्हें झांसा देते कि जो इंश्योरेंस करवाया था, उसके साथ स्वास्थ्य बीमा भी हुआ था। स्वास्थ्य बीमा की अवधि पूरी हो गई। स्वास्थ्य बीमा के रुपए ऑफिस में आकर ले जाएं। ऑफिस नहीं आ सकते तो ऑनलाइन ट्रांसफर करने का झांसा देकर कमीशन के नाम पर 50 हजार तक ठगी करते।

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